जयपुर. मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत फूड पैकेट वितरण की योजना में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब पैकेट वितरण के बजाय इसकी कीमत सीधे लाभार्थियों के खाते में जमा कराई जाएगी। विभाग ने यह यू-टर्न फूड पैकेट वितरण के लिए टेंडर प्रक्रिया को सहकारिता मंत्री से अनुमोदन कराने के बाद लिया है। सहकारी विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर इसकी सहमती हो चुकी है, लेकिन अभी फाइल अंकित नहीं होने से वित्त विभाग ने सक्षम स्तर से अनुमोदन की आवश्यकता जताई है।
सरकार ने योजना की घोषणा के समय वितरण शुरू करने का समय 25 मई तय किया था। योजना के लिए खाद्य विभाग के बजाय जिम्मा सहकारी विभाग को दिया गया। टेंडर में देरी होने से तय समय निकल गया। विभाग की तेरह सदस्यीय कमेटी ने तीन बार टेंडर प्रक्रिया तय की, लेकिन शीर्ष स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिली। करीब पांच हजार करोड़ की इस योजना को सरकार चुनाव आचार संहिता से पहले शुरू करना चाह रही है। समय की कमी को देखते हुए टेंडर प्रक्रिया के बजाय अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) की तैयारी की जा रही है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पंजीकृत 1 करोड़ पांच लाख लाभार्थियों के खाते में पैकेट के रुपए जमा कराए जाएंगे।
पहले टेंडर और अगले ही दिन पहुंचा डीबीटी का प्रस्ताव
वितरण का काम कॉनफेड को दिया गया था। इसमें देरी के चलते विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी है। पहले कॉनफेड के एमडी दिनेश कुमार एपीओ किए गए। इसके बाद एक और अधिकारी पर एपीओ होने की तलवार लटकी हुई है। इस बीच विभागीय कमेटी ने टेंडर प्रक्रिया को अन्तिम रूप दे दिया। विभाग ने इसे 7 जून को अनुमोदन के लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को भेज दिया। उन्होंने इसे मंजूर भी कर लिया। इसके बाद अगले ही दिन डीबीटी का प्रस्ताव पहुंच गया।
सरकार ने योजना की घोषणा के समय वितरण शुरू करने का समय 25 मई तय किया था। योजना के लिए खाद्य विभाग के बजाय जिम्मा सहकारी विभाग को दिया गया। टेंडर में देरी होने से तय समय निकल गया। विभाग की तेरह सदस्यीय कमेटी ने तीन बार टेंडर प्रक्रिया तय की, लेकिन शीर्ष स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिली। करीब पांच हजार करोड़ की इस योजना को सरकार चुनाव आचार संहिता से पहले शुरू करना चाह रही है। समय की कमी को देखते हुए टेंडर प्रक्रिया के बजाय अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) की तैयारी की जा रही है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पंजीकृत 1 करोड़ पांच लाख लाभार्थियों के खाते में पैकेट के रुपए जमा कराए जाएंगे।
पहले टेंडर और अगले ही दिन पहुंचा डीबीटी का प्रस्ताव
वितरण का काम कॉनफेड को दिया गया था। इसमें देरी के चलते विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी है। पहले कॉनफेड के एमडी दिनेश कुमार एपीओ किए गए। इसके बाद एक और अधिकारी पर एपीओ होने की तलवार लटकी हुई है। इस बीच विभागीय कमेटी ने टेंडर प्रक्रिया को अन्तिम रूप दे दिया। विभाग ने इसे 7 जून को अनुमोदन के लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को भेज दिया। उन्होंने इसे मंजूर भी कर लिया। इसके बाद अगले ही दिन डीबीटी का प्रस्ताव पहुंच गया।
इस खाद्य सामग्री के स्थान पर मिलेंगे करीब 370 रुपए
फूड पैकेट वितरण में एक किलो सोयाबीन तेल, एक किलो नमक, एक किलो चीनी, एक किलो दाल, सौ ग्राम मिर्च पाउडर, सौ ग्राम धनिया तथा पचास ग्राम हल्दी पाउडर शामिल किया गया था। वित्त विभाग ने टेंडर के लिए इसकी कीमत करीब 370 रुपए बताई थी। ऐसे में डीबीटी लागू भी होती है तो लाभार्थियों को हर माह 370 रुपए मिलेंगे।
फूड पैकेट वितरण में एक किलो सोयाबीन तेल, एक किलो नमक, एक किलो चीनी, एक किलो दाल, सौ ग्राम मिर्च पाउडर, सौ ग्राम धनिया तथा पचास ग्राम हल्दी पाउडर शामिल किया गया था। वित्त विभाग ने टेंडर के लिए इसकी कीमत करीब 370 रुपए बताई थी। ऐसे में डीबीटी लागू भी होती है तो लाभार्थियों को हर माह 370 रुपए मिलेंगे।