जयपुर. जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का 2875वां निर्वाणोत्सव बुधवार को भक्तिभाव के साथ मनाया गया। शहर के दिगंबर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन हुए। मंत्रोच्चार के साथ मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। शहर में चल रहे चातुर्मास स्थलों पर शाश्वत सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी की झांकी सजा कर भगवान के मोक्ष स्थल स्वर्ण भद्र कूट पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। प्रताप नगर सेक्टर 8 टोंक रोड़ के शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य सौरभ सागर के सान्निध्य में श्री सम्मेद शिखर की रचना कर 23 किलो का सामूहिक निर्वाण लड्डू चढ़ाया। इससे पहले भगवान शांतिनाथ स्वामी और भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का स्वर्ण एवं रजत कलशों से कलशाभिषेक एवं शांतिधारा कर अर्घ्य चढ़ाए गए। वर्षायोग समिति अध्यक्ष कमलेश जैन व मंत्री महेंद्र जैन ने बताया कि आचार्य सौरभ सागर के सान्निध्य में भगवान पार्श्वनाथ स्वामी का अष्ट द्रव्यों के साथ मंत्रोच्चारण कर पूजन किया गया। अंत में जयमाला अर्घ और पार्श्वनाथ स्वामी की चालीसा का भजन – नृत्य के साथ गुणगान हुआ 23 परिवारों की ओर से सवा- सवा किलो के निर्वाण लड्डू मंदिर में बने पांडाल में सजी श्री सम्मेद शिखर की संजीव झांकी पर चढ़ाए गए।
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