विभागीय अफसरों के मुताबिक मानसून के दौरान हवा में नमी की मात्रा 90 से 95 प्रतिशत तक हो जाती है। हवा में इन्सोलेशन (सूर्यताप) लेवल कम और कनेडेक्टिविटी (चालकता) बढ़ जाती है। बिजली की एलटी लाइन में एक इंसूलेटर लगा होता है। नमी के कारण इस इंसूलेटर में नमी आ जाती है और लाइन में फॉल्ट होता है। स्पार्किंग की समस्या भी बढ़ जाती है। नमी की वजह से पिछले दस दिनों में टेक्निकल फॉल्ट की संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
दिन————फॉल्ट
25 जुलाई— 1100
26 जुलाई— 1525
27 जुलाई— 800
28 जुलाई— 925
29 जुलाई— 815
30 जुलाई— 825
31 जुलाई— 1150
1 अगस्त— 710
2 अगस्त— 870
3 अगस्त— 690
(इसमें बिजली बंद, करंट और फॉल्ट समस्या शामिल है)
जयपुर सिटी सर्किल में 983 फीडर और 15340 ट्रांसफार्मर हैं। 857 फीडर की मेंटीनेंस और 523 नए ट्रांसफार्मर लगाए। 11 केवी की 80 प्रतिशत लाइनें भूमिगत हैं। इनके अलावा एलटी के पिलर में केबल चैक करने का काम भी चला।
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