वैसे मोदी सरकार—2 में राजस्थान को शुरू से ही तवज्जो दी है। यहां से 3 कैबिनेट मंत्री और 2 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। रेल जैसा महत्वपूर्ण महकमा राजस्थान के हिस्से में है। ओडिशा से सांसद और राजस्थान के रहने वाले अश्विनी वैष्णव के पास इस मंत्रालय का जिम्मा है। वैष्णव लगातार राजस्थान आते हैं और राजस्थान में रेल सेवाओं का विस्तार भी कर रहे हैं। जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के पास जलशक्ति मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण महकमा है। इस तरह जोधपुर से मोदी सरकार में दो कैबिनेट मंत्री हैं। राजस्थान से राज्यसभा सांसद और मोदी-शाह के करीबी भूपेंद्र यादव के पास दो अहम मंत्रालय श्रम रोजगार व पर्यावरण की जिम्मेदारी है। काेटा सांसद ओम बिडला लाेकसभा स्पीकर हैं। ऐसे में राजस्थान केंद्र में इतना पावरफुल नजर आ रहा है।
राजस्थान से दो राज्यमंत्री
कृषि राज्यमंत्री का जिम्मा भी सांसद कैलाश चौधरी के पास है। अब अर्जुनराम मेघवाल का कद बढ़ने से राजस्थान की कितनी अहमियत है यह मोदी सरकार ने खुलासा कर दिया है। मोदी सरकार-1 में भी राजस्थान से कई मंत्री थे। इसमें पीपी चौधरी, सीआर चौधरी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अर्जुन राम मेघवाल सरीखे नेता शामिल हैं।
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यूपीए में भी रहा है दबदबा
एनडीए ही नहीं यूपीए सरकार में भी राजस्थान का दबदबा रहा है। यूपीए-2 में सीपी जाेशी कैबिनेट मंत्री रहे, जिनके पास ग्रामीण विकास मंत्रालय और बाद में रेल सहित कई मंत्रालयाें का अतिरिक्त प्रभार रहा। उस समय सचिन पायलट, नमो नारायण मीणा, भंवर जितेंद्र सिंह सहित कुछ सांसद राज्य मंत्री थे। यूपीए-2 में महादेव सिंह खंडेला भी मंत्री रहे थे। खंडेला अभी विधायक हैं।