इतना ही नहीं, इसकी सूचना जैसे ही प्रशासन तक पहुंची तो एक टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने चैम्बर पर ढक्कन लगाने की बजाय सीमेंट का गोल चैम्बर उस पर रख दिया। यह चैम्बर सड़क से करीब आधा फीट ऊंचा था। इसे देखकर लोग बोलने लगे कि पत्रकार कॉलोनी की तरफ से आने वाले वाहन चालक घुमाव में इससे टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होंगे। गौरतलब है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद सड़क के गड्ढे नहीं भरे जाते हैं। हाल ही हरमाड़ा में अचानक सड़क पर गड्ढा आने से बाइक सवार एक महिला की गिरकर मौत हो गई थी।
नहीं होती सुनवाई
स्थानीय निवासी द्वारकाप्रसाद गुप्ता ने बताया कि वीआइपी व्यक्ति के साथ कभी भी कुछ घटना हो जाए या फिर वीआइपी क्षेत्र हो, प्रशासन तुरंत हर काम के लिए सक्रिय रहता है। लेकिन आमजन की सुनवाई नहीं होती है। मानसरोवर में कई ऐसी जगह हैं, जहां सड़क पर गड्ढे हैं। उनकी मानसरोवर की बसावट के बाद आज तक सुध नहीं ली गई, जबकि कई बार शिकायत कर चुके हैं।
स्थानीय निवासी द्वारकाप्रसाद गुप्ता ने बताया कि वीआइपी व्यक्ति के साथ कभी भी कुछ घटना हो जाए या फिर वीआइपी क्षेत्र हो, प्रशासन तुरंत हर काम के लिए सक्रिय रहता है। लेकिन आमजन की सुनवाई नहीं होती है। मानसरोवर में कई ऐसी जगह हैं, जहां सड़क पर गड्ढे हैं। उनकी मानसरोवर की बसावट के बाद आज तक सुध नहीं ली गई, जबकि कई बार शिकायत कर चुके हैं।
यहां विधायक को संभालनी पड़ी ट्रैफिक व्यवस्था उधर मंगलवार रात नेहरू बाजार में विधायक रफीक खान को ट्रैफिक व्यवस्था संभालनी पड़ी। दरअसल मंगलवार रात 11 बजे नेहरू बाजार में विधायक रफीक खान के ड्राइवर ने दूसरी साइड से गाड़ी निकालने की कोशिश की, जिस वजह से आगे से आने वाले वाहनों को निकलने की जगह नहीं मिली और बाजार में जाम की स्थिति बन गई। जाम की स्थिति देख रफीक खान ने खुद ही जाम को क्लीयर करवाया।