राजस्थान में चल रही प्रदेश अध्यक्ष की कश्मकश के बीच, राजस्थान सरकार के वन पर्यावरण एवं खेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष को लेकर बड़ा बयान दिया है। मंत्री खींवसर ने अपने बयान में कहा कि कोई पहाड़ नहीं टूट गया है अगर हमारे पास प्रदेशाध्यक्ष नहीं है।
ये बयान दिया खींवसर ने कोई पहाड़ नहीं टूट गया है खींवसर ने कहा कि लोकतात्रिक पार्टी है। जो कुछ भी होता है आपस में सहमति से होता है। ऐसा कोई पहाड़ नहीं टूट गया है कि साठ दिन से हमारे यहां पर प्रदेशाध्यक्ष नहीं है। हमारा संगठन है। इसमें बैठके तालमेल करके सबको बैठकर आमराय ली जा रही है। बैठके सर्वसमिति से कार्य होता है। इसमें गलत क्या है। इसमें कोई तानाशाह नहीं है। वन मैन वन फैमिली पार्टी नहीं है। जो भी कर रहे हैं लोकतांत्रिक पार्टी के हिसाब से कार्य हो रहा है।
भाजपा ने राजपूतों को हमेशा स्पोर्ट किया वन पर्यावरण एवं खेल मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने राजपूत समाज के लिए भी कहा कि राजपूत समाज की अपनी सोच है। उनका अपना निर्णय है। भाजपा ने राजपूतों को हमेशा स्पोर्ट किया है। आज जितने टिकट राजपूतों को भाजपा देती है उसके एक तिहाई टिकट ही कांग्रेस राजपूतो को देती है। यदि कांग्रेस को राजपूतों की इतनी फ्रिक है तो उनको तीस टिकट देकर दिखाए। भाजपा में राजपूत समाज के अधिकांश जनप्रतिनिधि है। यह बात खींवसर ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद पत्रकारोंं को बताई।
घनश्याम तिवाड़ी लगाते है रोज आरोप खींवसर ने कहा कि मुकदमों को लेकर देखना पड़ेगा, इतना आसान नहीं है, उन्हें हटाना। जो रिकोडिंग हुई है। उसके आधार पर सीबीआई जांच व गृह विभाग को देखना पड़ेगा। मंत्री किरण माहेश्वरी के बयान के मामले में खींवसर कहा कि किरण माहेश्वरी ने स्वयं इसका खंडन किया है कि मैंने किसी समाज के बारे में कुछ नहीं कहा है। केवल विपक्ष के बारे मेंं ही बात की है। अब इस बारे में वह ही बताएंगी, क्या रिकार्डिंग हुई है। वह एजुकेटेड लेडी है। मैं नहीं मानता उन्होंने ऐसे कोई बात कहीं है। खींवसर ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी रोज आरोप लगाते हैं। महीने में तीस आरोप लगाते हैं।
कांग्रेस की तरह नहीं है BJP भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। कांग्रेस की तरह नहीं है। यहां पर वंशवाद नहीं है। समय-समय पर चुनाव होते हैं। खींवसर ने एसडीएम की ओर से मारपीट करने के मामले में बताया कि उन्होंने विडियों देखा है। इसकी जांच होगी। उसके बाद ही कुछ जा सकता है। मारपीट तो कोई कर ही नहीं सकता। चाहे-जनता अधिकारी के साथ करे या फिर अधिकारी जनता के साथ करे।
शेरो को बचाना है तो बनाए दीवार कोई भी सरकार आए वन अभयारण क्षेत्र में पचास-पचास किलोमीटर की दीवार बनाई जानी चाहिए। जनसंख्या बढ़ रही है। इसके साथ ही जानवरों की आबादी भी बढ़ रही है। दीवार ही आखिरी पड़ाव रहेगा। पिछले वर्ष सरकार ने तीस किलोमीटर दीवार बनाई थी। इस वर्ष चालीस किलोमीटर दीवार बनाई जाएगी। सरिस्का एनसीआर एरिया में आ गया है। जमीन के भाव बहुत ऊंचे रहे हैं। जब तक वहां पर दीवार नहीं बन जाती विभाग को सर्तक रहना पड़ेगा। कॉलर आईडी की जरूरत कॉलर आईडी से टाइगर को मेटिंग में दिक्कत आती है, लेकिन यह तय किया जाता है कि किससे ज्यादा लाभ होगा।
टाइगर की जनसंख्या बढऩे के कारण उनकी मौते का आंकडा बढ़ रहा है। सरिस्का में तेरह टाइगर पर कॉलर आईडी लगाए जाएंगे। हर कॉलर आईडी पर पांच लाख रुपए का खर्च आता है। 80 से ज्यादा टाइगर है। सब पर कॉलर आईडी लगाया जाना फिलहाल सम्भव नहीं है। खींवसर ने बताया कि एसटी 5 को मरा हुआ नहीं कह सकते हैं जब तक बॉडी नहीं मिलेगी तब तक तय नहीं कर सकते कि वह मर चुका है। सरिस्का रणथम्भौर से तीन गुना बड़ा है। किसी जानवर की गुफा में डेथ हो जाती है। ऐसे में बाड़ी को ट्रेस करना मुश्किल है। जो कॉलर उस टाइगर पर था वह खराब हो गया था, ऐसे में उसको ट्रेस नहीं किया जा पा रहा है। यदि उसकी डेथ भी होती तो कॉलर के साथ उसकी डेथ होती तो उसका लोकेशन मिल जाता। अभी विभाग दस कॉलर को आर्डर कर रहा है।
रणथम्भौर जैसे पार्क में अन्दर हर टाइगर पर कॉलर होने चाहिए। नेचर के हिसाब से कॉलर लगाया जाना गलत है। वाइड लाइफ नॉमस के हिसाब से देखे तो कॉलर टाइगर के हिसाब से असुविधाजनक होता है।
पाकिस्तान कभी रूकेगा नहीं पाकिस्तान में कोई भी सरकार आए। चाहे फौज हो या सरकार हो। जब तक इंडिया के साथ मारी-मारी नहीं करेंगे, गोलीबारी नहीं करेंगे ये पाकिस्तान का एजेन्डा है। ये तो चलता रहेगा। हमे अपने बार्डर को स्ट्रोग करना पड़ेगा। थर्मल इमेेंजिंग से बार्डर पर फायदा होगा। बार्डर को हाईटेंक किया जाएगा। बार्डर पर जो शहीद होते हैं। उनका राजकीय सम्मान से अत्योष्ठी की जाएगी।