इस संबंध में शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह ने वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरे खुद के गांव में मतदान बूथ के मुख्य गेट पर एक जवान सुबह सात बजे से महिलाओं से परिचय पत्र के बारे में पूछ रहा था। वह घूंघट उठाकर आई-कार्ड से मिलान कर रहा था। इससे कई महिलाएं मतदान से वंचित रह गईं। चार घंटे में 10 प्रतिशत मतदान हो पाया था। महिलाओं से बदसलूकी का कारण पूछा। अंदर जाने लगा तो मुझे रोक दिया गया। सुरक्षाकर्मी ने मुझ पर बंदूक तान दी और गोली मारने की धमकी दी। सुरक्षाकर्मी के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। शिकायत करने पर उसे बदला गया।
पूरा मामला…
शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह शुक्रवार सुबह 10.30 बजे अपने गांव नाथड़ाऊ के मतदान केन्द्र राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। जहां धीमी गति से मतदान को लेकर सुरक्षाकर्मियों के साथ ही मतदानकर्मियों से विवाद हो गया। सुरक्षाकर्मी के रोकने पर विधायक मतदान बूथ में पहुंचे तो सुरक्षाकर्मी ने बंदूक दिखाई। उन्होंने बंदूक दिखाने का विरोध किया। वे मतदान कक्ष में पहुंचे, जहां पीआरओ बालूसिंह खींची से भी विवाद हो गया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जोधपुर धर्मेन्द्रसिंह यादव ने बताया कि सुरक्षाकर्मी व मतदान कर्मचारियों के बयान के बाद विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी सुरक्षाकर्मी या मतदानकर्मी ने थाने में कोई रिपोर्ट नहीं दी है।