शहर में देशी-विदेशी शराब, एमडी ड्रग्स की बिक्री के साथ निकोटीनयुक्त ई-सिगरेट की बिक्री भी हो रही है। इसका सेवन भी युवाओं में प्रचलित हो रहा है। इसकी गिरफ्त में युवा पीढ़ी के साथ-साथ नाबालिग भी आ रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों का उपयोग करते हुए आरोपी नाबालिगों को भी ई-सिगरेट बेच रहे हैं। इसका खुलासा अहमदाबाद शहर की साइबर क्राइम ब्रांच ने किया है। निकोटीन युक्त ई-सिगरेट बेचने के आरोप में चार लोगों को पकड़ा है। इनके पास से 4.37 लाख रुपए की 368 ई-सिगरेट जब्त की गई है।
पकड़े गए आरोपियों में दो अहमदाबाद और दो राजस्थान मूल के रहने वाले हैं। अहमदाबाद निवासी आरोपियों में एक मुशीर अहमद नागोरी (38) मिर्जापुर का रहने वाला है जबकि मो.रैयान शेख (34) दरियापुर का रहने वाला है। जबकि दो आरोपी सुरेश डामोर (20) मूलरूप से राजस्थान के डूंगरपुर जिले की सीमलवाडा तहसील के बासिया गांव का रहने वाला है। अभी अहमदाबाद में हेबतपुर गाम में रहता है। निमेष उर्फ डैनी कलासवा (23) डूंगरपुर जिले की आसपुर तहसील के लापिया गांव का मूल निवासी है। हाल शहर के मेमनगर इलाके में रहता है।
जेजे एक्ट की गैरजमानती धारा लगाई
साइबर क्राइम के तहत पकड़े गए आरोपियों की ओर से नाबालिगों को निकोटीन युक्त ई-सिगरेट बेचने की बात सामने आई है। यह काफी गंभीरता मामला है। इसे हमने भी गंभीरता से लिया है। इन आरोपियों विरुद्ध साइबर क्राइम ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 77 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। यह गैर जमानती धारा है।