पिछले साल 17 लोगों ने लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण आवेदन फाइलों से बाहर ही नहीं आ पाए। राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (आरएमएफडीसीसी) जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के माध्यम से जरूरतमंदों को लोन देता है।
पिछले साल के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में तो हालात और भी खराब हैं। लोन बांटने वाली आरएमएफडीसीसी के पास अब तक लोन से जुड़ा बजट ही नहीं पहुंचा। ऐसे में अब तक लोन संबंधी कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। उधर, आवेदक लोन की चाहत में लगातार अल्पसंख्यक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
दावा: 10 को दिया लोन
आरएमएफडीसीसी अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 10 लोगों को लोन दिए गए थे। ये वे आवेदक थे जिनकी किस्ते बाकी थीं। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि वर्ष 2023-24 में आवेदन करने वालों को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक विभाग से जुड़ी योजनाओं की मॉनिटरिंग ठीक से नहीं हो पा रही है इस कारण लोन वितरण व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है।
वर्ष 2023-24 में 17 लोगों ने फाइल लगाई थीं। कुछ लोगों को गारंटर मिलने में समस्या आ गई थी। कुछ फाइलें आचार संहिता लगने के कारण अटक गई थीं। ऐसे में किसी को भी लोन नहीं मिल पाया। फिर से इन लोगों से संपर्क करेंगे। अभिषेक सिद्ध, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
लोन आवेदकों की फाइलें क्लियर करने का काम अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों का है। पिछले साल 17 लोगों की फाइलें क्यों अटकी यह वो ही बता पाएंगे। इस साल के लोन बजट के लिए डिमांड भेजी है। रजनी सी.सिंह, एमडी, आरएमएफडीसीसी