खपत 30 फीसदी तक कम करने की है कवायद
केन्द्र सरकार वर्ष 2030 तक बिजली खपत में 25 से 30 फीसदी कमी लाने पर काम कर रही है। इसके लिए उर्जा मंत्रालय के अलावा हर राज्य के उर्जा विभाग और डिस्कॉम्स प्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम इसमें शामिल है।
केन्द्र सरकार वर्ष 2030 तक बिजली खपत में 25 से 30 फीसदी कमी लाने पर काम कर रही है। इसके लिए उर्जा मंत्रालय के अलावा हर राज्य के उर्जा विभाग और डिस्कॉम्स प्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम इसमें शामिल है।
बिजली बचत का यह है प्लान
-2 हजार अरब रुपए का निवेश हो तो अगले दस साल में 388 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है
-125 बिलियन यूनिट बिजली की बचत रियल एस्टेट सेक्टर से हो सकती है वर्ष 2019 से 2030 के बीच
-100 मिलियन टन कार्बनडाई आॅक्साइड कम उत्सर्जित होगी इस समय सीमा में
-5200 करोड़ यूनिट बिजली की खपत है सालाना राजस्थान में
-2 हजार अरब रुपए का निवेश हो तो अगले दस साल में 388 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है
-125 बिलियन यूनिट बिजली की बचत रियल एस्टेट सेक्टर से हो सकती है वर्ष 2019 से 2030 के बीच
-100 मिलियन टन कार्बनडाई आॅक्साइड कम उत्सर्जित होगी इस समय सीमा में
-5200 करोड़ यूनिट बिजली की खपत है सालाना राजस्थान में
अरण्य भवन में 44 प्रतिशत उर्जा बचत…
इण्डो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी प्रोजेक्ट में जयपुर का अरण्य भवन भी शामिल है। यहां 44 प्रतिशत उर्जा बचत हो रही है। उर्जा मंत्रालय ने भी उर्जा बचत के लिहाज से इस इमारत को आइडियल डिजाइन के रूप में माना।
इण्डो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी प्रोजेक्ट में जयपुर का अरण्य भवन भी शामिल है। यहां 44 प्रतिशत उर्जा बचत हो रही है। उर्जा मंत्रालय ने भी उर्जा बचत के लिहाज से इस इमारत को आइडियल डिजाइन के रूप में माना।
आइडिया दिल्ली से पहुंचा जयपुर..
उर्जा मंत्रालय की ओर से कुछ माह पहले दिल्ली में बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी पर अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई थी। इसमें 16 देश के विशेषज्ञों ने पर्यावरण में बदलाव, ग्रीन एनर्जी से लेकर उन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई, जिससे की बिजली बचाई जा सके। इसी आधार पर जयपुर को भी इसमें शामिल करने पर मंथन हुआ था।
उर्जा मंत्रालय की ओर से कुछ माह पहले दिल्ली में बिल्डिंग एनर्जी एफिशियेंसी पर अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई थी। इसमें 16 देश के विशेषज्ञों ने पर्यावरण में बदलाव, ग्रीन एनर्जी से लेकर उन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई, जिससे की बिजली बचाई जा सके। इसी आधार पर जयपुर को भी इसमें शामिल करने पर मंथन हुआ था।