मंत्री के निर्देश पर मिशन के निदेशक बचनेश अग्रवाल ने आदेश जारी किया कि अब जेजेएम की किसी भी पेयजल परियोजना की मेजरमेंट बुक (माप पुस्तिका) ठेकेदार के पास मिलती है या ठेकेदार की ओर से भरी जाती है, तो संबंधित कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को सस्पेंड किया जाएगा।
जल जीवन मिशन में एक हजार करोड़ से ज्यादा के टेंडर लेने वाला ठेकेदार पदम चंद जैन परियोजनाओं की मेजरमेंट बुक अपने पास रखता था और अपने हिसाब से ही भरता था। उसी हिसाब से इंजीनियर उसको भुगतान करते थे और वह विभाग के इंजीनियरों को हिस्सा बांटता था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कार्रवाई के दौरान ठेकेदार पदम जैन के पास से जेजेएम से जुड़ी 150 से ज्यादा मेजरमेंट बुक जब्त की थी।
जेजेएम एमडी बचनेश अग्रवाल की ओर से जारी आदेश की गोलमोल भाषा की चर्चा इंजीनियरों में चल रही है। जबकि, हकीकत यह है कि जयपुर शहर से लेकर जेजेएम की पेयजल परियोजनाओं की मेजरमेंट बुक ठेकेदार के पास ही रहती है और वही अपने हिसाब से भरता है। जयपुर शहर में तो ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जब कई अधिशासी अभियंता दूसरे खंड में तबादला होने पर ठेकेदार को भी नए खंड में ले गए और वहां उसे करोडों के टेंडर दिलाए।