राजस्थान में रोज़गार के बंपर अवसर, बड़े पैमाने पर रॉयल्टी ठेकों की नीलामी
जयपुर। माइंस विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से माइंस विभाग का डिपार्टमेंटल मेन्यूअल बनाया जाएगा। विभागीय मेन्यूअल में अतिरिक्त निदेशक, एसएमई, एमई एएमई, फोरमेन, ड्राफ्टमेन से लेकर मंत्रालयिक अधिकारियों और कार्मिकों के दायित्वों का समावेश होगा, ताकि एक ही संकलन में सभी तरह की विभागीय जानकारी प्राप्त होने से कार्य अधिक सुगमता से हो सकेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभागीय मेन्यूअल को तैयार करने के लिए निदेशक माइंस केबी पण्ड्या द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी, जो तय समय-सीमा में विभागीय मेन्यूअल को ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी। इससे पहले 1982 का विभागीय मेन्यूअल बना हुआ है, जिसे आज के परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाना जरुरी हो गया है। 1982 के बाद तकनीक व कार्यप्रणाली में आमूलचूल बदलाव हो चुका है ऐसे में नया मेनूअल विभागीय कार्य को गतिदेने और अधिकारियों व कार्मिकों की कार्यप्रणाली को सहज और पारदर्शी बनाने में सहयोगी होगा।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने आरसीसी और ईआरसीसी के ऑक्शन नहीं हो सकने वालेे ठेकों की स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि राज्य सरकार के राजस्व की छीजत को रोकने के लिए वैकल्पिक उपाय खोजने होंगे। उन्होंने अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण रोकने के लिए गोटन की तर्ज पर ड्रोन का उपयोग की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। अधिकारियों को कार्यालय की चारदीवारी से बाहर निकल कर फिल्ड में अधिक समय देना होगा, ताकि प्रदेश में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही अवैध खनन, परिवहन गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है और रात्रिकालीन गश्त में अवैध परिवहन करते वाहनों पर जुर्माना व जब्ती की कार्यवाही की जा रही है।