खनिज खोज और खनन गतिविधियां सरल व पारदर्शी होगी
जयपुर। राज्य में खनिज खोज, खनन व खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अन्य प्रदेशों के श्रेष्ठ प्रावधानों व प्रक्रियाओं (बेस्ट प्रेक्टिसेज) को राज्य की परिस्थितियों के अनुसार अध्ययन कर गुणावगुण के आधार पर अपनाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। सरकार का प्रयास प्रदेश में खनिज खोज व खनन गतिविधियों को सरल व पारदर्शी बनाना है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा निदेशक माइंस केबी पण्ड्या सहित दस अधिकारियों के चार दल बनाकर प्रमुख खनि संपदायुक्त प्रदेशों उड़ीसा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अध्ययन करने भेजा था। अध्ययन दल प्रभारियों को राजस्थान की व्यवस्थाओं व प्रावधानों की तुलना में संदर्भित प्रदेश की व्यवस्थाओं व प्रक्रियाओं की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करनी है, ताकि राजस्थान में भी खनिज खोज और खनन गतिविधियां सरल व पारदर्शी बनाया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि आरंभिक तौर पर यह भी पाया गया है कि राजस्थान में अन्य प्रदेशों की तुलना में कई व्यवस्थाएं व प्रावधान बेहतर है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अध्ययन रिपोर्ट का उपयोग राज्य सरकार द्वारा तैयार की जा रही खनिज नीति, नियमों की सरलीकरण और विभागीय पुन:संरचना के प्रस्तावों में भी किया जा सकेगा। खनिज खोज कार्य में तेजी लाने और नए खनिज ब्लॉक तैयार कर नीलामी कार्य को गति दी जाएगी। निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि अधिकांश प्रदेशों में प्रदेश खनिज निगम द्वारा खनन के साथ ही एक्सप्लोरेशन भी किया जा रहा है, वहीं निजी संस्थाओं क्रिशिल, एसबीआईकेब आदि की सेवाएं भी ली जा रही है।