मौजूदा समय की बात करें तो पीक ऑवर्स में भी मेट्रो ट्रेन में यात्री भार कम ही नजर आता है। यदि जेसीटीएसएल से तुलना करें तो जर्जर और खटारा बसों में प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्री सफर करते हैं और लग्जरी मेट्रो में यात्री भार महज 50 हजार है।
-03 जून, 2015 में मानसरोवर से चांदपोल (9.63 किमी) तक मेट्रो का संचालन शुरू हुआ।
-23 सितम्बर, 2020 में परकोटे में मेट्रो का संचालन शुरू हुआ। रूट महज 2.4 किमी का है। चांदपोल से दायरा बढकऱ छोटी चौपड़ होते हुए बड़ी चौपड़ तक पहुंच गया।
-21 सितम्बर, 2023 को बड़ी चौपड़ से रामगंज चौपड़ होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर तक का शिलान्यास हुआ। अप्रेल, 2027 तक काम पूरा होगा।
(मानसरोवर से 200 फीट बाइपास तक के रूट का अब तक शिलान्यास नहीं हुआ है।)
-मेट्रो फेज 1सी (बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर) का काम शुरू हो गया है। जल्द ही फेज 1डी (बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर) का काम शुरू होगा। दोनों चरणों का काम पूरा होने के बाद दिल्ली-आगरा से अजमेर हाईवे का जुड़ाव मेट्रो से हो जाएगा।
-मेट्रो अधिकारियों की मानें इन दोनों फेज का काम पूरा होने के बाद यात्री भार एक लाख के पार हो जाएगा।
-अजमेर रोड: पृथ्वीराज नगर उत्तर में पांच लाख से अधिक की आबादी है। पास में वैशाली नगर, विद्युत नगर डीसीएम जैसे घनी आबादी वाले इलाके हैं।
-आगरा-दिल्ली रोड: सबसे ज्यादा ट्रैफिक अभी इन हाईवे पर रहता है। रामगंज चौपड़ पर भी भूमिगत स्टेशन बनेगा।
-फेज-2 में मेट्रो को अम्बाबाड़ी की बजाय विद्याधर नगर तक ले जाया जाएगा।
इसकी डीपीआर बनेगी। खास बात यह है कि पूरा रूट एलिवेटेड होगा। लाइट मेट्रो कॉन्सेप्ट पर इसका निर्माण होगा। ऐसी स्थिति में 5800 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। रूट की लम्बाई 30 किमी होने का अनुमान है।
-पिछली डीपीआर पर गौर करें तो सीतापुरा से कुंभा मार्ग, हल्दीघाटी गेट, बीटू बाइपास चौराहा, टोंक रोड पर दुर्गापुरा, महावीर नगर, देव नगर, गांधी नगर रेलवे स्टेशन, टोंक फाटक पुलिया, रामबाग सर्कल, नारायण सिंह सर्कल, सवाई मानसिंह अस्पताल से अशोक मार्ग होते हुए गवर्नमेंट हॉस्टल, चांदपोल, कलेक्ट्रेट सर्किल, पानीपेच होते हुए अंबाबाड़ी तिराहे तक मेट्रो रेल का कॉरिडोर प्रस्तावित था।
-माना जा रहा है कि अम्बाबाड़ी से बीआरटीएस कॉरिडोर का उपयोग करते हुए सीकर रोड होते हुए अम्बाबाड़ी तक ले जाया जाएगा।