बुध 21 अप्रेल यानि शुक्रवार को दोपहर 2:05 मिनट पर वक्री होंगे और पुन: 15 मई की सुबह 8:45 मिनट पर मार्गी होंगे। ऐसे में कुछ राशियों के जातकों को इसका भरपूर फायदा होगा। ज्योतिषियों के अनुसार बुध वक्री होने से मिस कम्युनिकेशन होगा। लोगों के बीच समन्वय का अभाव रहेगा।
व्यापार में उतार-चढ़ाव होगा। नर्वस सिस्टम, नसों में दर्द और इंफेक्शन रोग होने की संभावना है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा। सिर पर चोट, दिमागी बुखार, मस्तिष्क से संबंधित बीमारियां, ब्लड प्रेशर, वाहन दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा होने के योग हैं।
जातकों पर अलग प्रभाव
बुध ग्रह जातक की जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। ज्योतिषी पं अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि, राहु व सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या इसकी उच्च राशि है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है।