समारोह में प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. आर एस परोदा, ओलंपियन मेडलिस्ट देवेंद्र झाझडिय़ा सहित शिक्षाविद, साहित्यकार, वैज्ञानिक, उद्योगपति, समाजसेवी और जाट समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में आईएएस, आरएएस, पुलिस सेवा, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। तेजा फाउंडेशन की ओर हुए इस कार्यक्रम में कहा कि किसानों की शहीद होने पर अब तक संसद में हमारे वर्ग का एक भी नेता नहीं बोला।
मैने पीएम को कहा – आपको गलतफहमी
मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर आंदोलन को लेकर मैने बोला था कि आपको गलतफहमी है। किसान अपने हक के लिए हर कदम पर लड़ेगें। कुछ गलतफहमी है, न सिखों को और न जाटों को हराया जा सकता। किसानों की मांग एमएसपी की है, जो उन्हे देना चाहिए। मलिक ने किसानों के लाल किले पर झंडा फहराने को लेकर कहा कि पहला अधिकार प्रधानमंत्री का है और दूसरा हमारा लेकिन उसे भी बेवजह मुद्दा बनाया गया।
मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर आंदोलन को लेकर मैने बोला था कि आपको गलतफहमी है। किसान अपने हक के लिए हर कदम पर लड़ेगें। कुछ गलतफहमी है, न सिखों को और न जाटों को हराया जा सकता। किसानों की मांग एमएसपी की है, जो उन्हे देना चाहिए। मलिक ने किसानों के लाल किले पर झंडा फहराने को लेकर कहा कि पहला अधिकार प्रधानमंत्री का है और दूसरा हमारा लेकिन उसे भी बेवजह मुद्दा बनाया गया।
अगली बार खुलकर बोलूंगा, शायद राज्यपाल नहीं रहूं
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि अगली बार आऊंगा, तो खुलकर बोलूंगा क्योंकि अगली बार शायद मैं राज्यपाल ही न रहूं। पहले दिन जब किसानों के पक्ष में बोला था तो तय कर लिया था कि दिल्ली से किसी भी तरह का फोन आया तो राज्यपाल की कुर्सी छोड़ दूंगा।
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि अगली बार आऊंगा, तो खुलकर बोलूंगा क्योंकि अगली बार शायद मैं राज्यपाल ही न रहूं। पहले दिन जब किसानों के पक्ष में बोला था तो तय कर लिया था कि दिल्ली से किसी भी तरह का फोन आया तो राज्यपाल की कुर्सी छोड़ दूंगा।