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Big News : मई-जून में नहीं होंगी शादियां, बसंत पंचमी पर राजस्थान में होंगी 30 हजार शादियां

Rajasthan on Basant Panchami 30 Thousand Marriage : राजस्थान में ज्योतिषचार्य के अनुसार मई और जून माह में शादियां नहीं होगी। बसंत पंचमी यानि 14 फरवरी के अबूझ सावे पर करीब 30 हजार से अधिक शादियां होंगी।

जयपुरFeb 11, 2024 / 11:55 am

Sanjay Kumar Srivastava

Weddings Rajasthan

इस वर्ष मई और जून माह में गुरु व शुक्र तारा अस्त होने की वजह से दोनों माह में विवाह नहीं होंगे। ऐसे में बसंत पंचमी (14 फरवरी) के अबूझ सावे पर बुधवार को विशेष योग-संयोगों में 30 फीसदी अधिक शादियां होंगी। इसके लिए राजधानी जयपुर के 75 प्रतिशत गार्डन, सामुदायिक केंद्र और रिसोर्ट बुक हो चुके हैं। साथ ही 500 से अधिक डेस्टिनेशन वेडिंग भी होंगी। ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि बुधवार 14 फरवरी को जयपुर में करीब पांच हजार तथा राजस्थानभर में 30 हजार से अधिक विवाह होंगे। इस बार 35 प्रतिशत से अधिक व्यापार बढ़ने के आसार हैं। इसके अलावा विभिन्न समाजों और संस्थाओं की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन भी होंगे। शादियों में फ्लॉवर व रेड थीम के साथ ही रजवाड़ा थीम पर सजावट होगी। कई होटल्स और रिसोर्ट में पंजाबी सिंगर्स परफॉर्म करेंगे।

बसंत पंचमी पर रजवाड़ा थीम पर होंगी करीब 15 फीसदी शादियां

ऑल वेडिंग फेडरेशन के राजस्थान अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल ने बताया कि बसंत पंचमी पर करीब 15 फीसदी शादियां रजवाड़ा थीम पर होंगी। कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई व सूरत सहित अन्य शहरों के लोगों ने भी होटल और रिसोर्ट बुक कराए हैं।

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अप्रेल-जुलाई तक अस्त रहेगा गुरु-शुक्र का तारा

जयपुर के ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 30 अप्रेल से 7 जुलाई तक शुक्र का तारा तथा 9 मई से 3 जून तक गुरु का तारा अस्त रहेगा। हालांकि इस अवधि में 10 मई को आखातीज, 16 को जानकी नवमी, 23 मई को पीपल पूर्णिमा, 16 जून को गंगा दशमी व इसके बाद 15 जुलाई को भड़ल्या नवमी का अबूझ सावा होने से शादी सहित अन्य मांगलिक कार्य हो सकेंगे।

यह रहेंगे योग संयोग

पं. शर्मा के मुताबिक पंचमी तिथि 13 फरवरी की दोपहर 2.42 से अगले दिन दोपहर 12.10 बजे तक रहेगी। इस दौरान रेवती, अश्विनी नक्षत्र के साथ ही कुमार योग भी रहेगा।

14 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी

उदिया तिथि के चलते 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। लगभग 75 साल बाद पंचमी तिथि और बुधवार के दिन रेवती नक्षत्र का संयोग बना है। इस दिन शुक्ल, अमृत सिद्धि, शुभ, रवि व शिववास सहित कई अन्य योग भी रहेंगे।

अबूझ मुहूर्त में क्या कार्य होते हैं?

इस दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस कारण इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, नींव मुहूर्त सहित अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

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