जयपुर

रणथम्भौर जाने वाले पर्यटकों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, जल्द देखने को मिल सकता है बड़ा बदलाव

रणथम्भौर सहित देश भर के टाइगर रिजर्व में जाने वाले पर्यटकों को कराएंगी भ्रमण, नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की ओर से कवायद शुरू

जयपुरJul 27, 2023 / 07:33 pm

pushpendra shekhawat

जंगल में मंगल करेगी ‘जिम्मी’, होगा पूरा पैसा वसूल, आराम के साथ देगी पूरा मजा

जयपुर। रणथम्भौर सहित देश भर के टाइगर रिजर्व में जाने वाले पर्यटकों को भ्रमण कराने वाले पर्यटन वाहनों में बहुत जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस सम्बंध में नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। दरअसल, जिप्सी का उत्पादन बंद होने के बाद वन विभाग व एनटीसीए की ओर से टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को सफारी कराने के लिए जिप्सी के स्थान पर जिम्मी को लगाने की तैयारी की जा रही है। जिप्सी की बजाय जिम्मी से पर्यटकों को भी आराम और सहूलियत मिलेगी।
गौरतलब है कि जिम्मी भी जिप्सी बनाने वाली कंपनी का ही वाहन हैं। यह वाहन भी जिप्सी की ही तरह फोर बाई फोर है। हालांकि, एनटीसीए की ओर से संबंधित कंपनी को जिम्मी में आंशिक फेरबदल करने के निर्देश भी दिए गए है। जिससे सफारी में घूमने आने वाले पर्यटकों को आराम और पूरी सुरक्षा मिल सके। इसके बाद ही जिम्मी का टाइगर रिजर्व में संचालन किया जा सकेगा।
इस संबंध में हाल ही एनटीसीए की ओर से देश भर के टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को पत्र लिखकर उनसे संबंधित टाइगर रिजर्व में अनुमानित वाहनों की जानकारी मांगी है। इसके बाद रणथम्भौर के वन विभाग की ओर से एनटीसीए को 300 जिम्मी की आश्यकता के संबंध में पत्र लिखा गया है। अब अन्य टाइगर रिजर्व से आंकडा मिलने के बाद ही एनटीसीए की ओर से इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लंबे समय से चल रहा मंथन
जिप्सी का उत्पादन बंद होने के बाद कई सालों से वन विभाग की ओर से जिप्सी के विकल्प की खोज की जा रही थी। इसके लिए पूर्व में वन विभाग की ओर से एक दूसरी वाहन निर्माता कंपनी के एक वाहन को भी चिह्नित किया गया था। लेकिन उक्त वाहन महंगा होने के कारण बात नहीं बन सकी थी।
2026 में जिप्सी विहीन हो जाएगा रणथम्भौर
दरअसल, वाहन निर्माता कंपनी की ओर से जिप्सी का उत्पादन 2016 में ही बंद कर दिया था। ऐसे में आखिरी बार रणथम्भौर में नई जिप्सी 2016 में लाई गई थी। पूर्व में रणथम्भौर में पर्यटन वाहनों की मॉडल कंडीशन पांच साल की थी। ऐसे में केवल पांच साल तक ही एक जिप्सी व कैंटर को टाइगर रिजर्व में संचालित किया जा सकता था। लेकिन जिप्सी का उत्पादन बंद होने के बाद वन विभाग की ओर से मॉडल कंडीशन को बढ़ाकर पहले सात साल और फिर 10 साल कर दिया था। ऐसे में वर्तमान में 2026 तक रणथम्भौर में मौजूदा जिप्सियों का संचालन किया जा सकता है। लेकिन वर्तमान मॉडल कंडीशन के अनुसार 2026 में सभी जिप्सियां पार्क से बाहर हो जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में रणथम्भौर में 269 जिप्सी संचालित हैं।

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