जयपुर

मार्गशीर्ष माह में तीर्थ स्नान का विशेष महत्व, विवाह पंचमी पर होगी भगवान राम-सीता की पूजा

Margashirsha Month : मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुरुआत हो चुकी है। 26 दिसंबर को इस महीने का समापन होगा। इस महीने कई त्योहार आने वाले हैं।

जयपुरNov 30, 2023 / 10:45 am

Sanjay Kumar Srivastava

Vivah Panchami

मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुरुआत हो चुकी है। आमजन के खानपान और पहनावे के साथ ही भगवान की सेवा-पूजा में बदलाव होगा। ठाकुरजी को रात्रि में अब शॉल के बजाय रूई की मखमली रजाई ओढ़ाई जाएगी। ठाकुरजी के स्नान के लिए गुनगुने जल में इत्र मिलाया जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक भगवान कृष्ण और उनके अवतारों की पूजा, नदी में पवित्र स्नान और दान-पुण्य के लिए पूरा महीना विशेष फलदायी रहेगा। 26 दिसंबर को इस महीने का समापन होगा।

ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस महीने में ही भगवान शिव-पार्वती और राम-सीता का विवाह हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान भी इसी महीने में दिया था। पं.घनश्याम शर्मा और राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मार्गशीर्ष मास को मगसर, अगहन या अग्रहायण भी कहा है। इसमें विष्णु स्वरूप भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की परंपरा है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मासानां मार्गशीर्षोसहम् यानी सभी महीनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है। मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग की स्थापना हुई थी।

इस माह पड़ेंगे यह त्योहार

पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि 30 नवंबर को संकष्टी चतुर्थी, 05 दिसंबर को कालभैरव जयंती, 17 दिसंबर को विवाह पंचमी, 22 दिसंबर को गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, 26 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा सहित अन्य व्रत-त्यौहार इस माह में हैं।

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