भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि नेताओं का कांग्रेस से मोह भंग हो रहा है। प्रदेश में और केन्द्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में अगर एक मानसिकता का व्यक्ति जीतकर आएगा तो क्षेत्र का विकास करवा पाएगा। राठौड़ ने कहा कि जनता को अपने क्षेत्र में विकास चाहिए। इसलिए हमें उम्मीद है कि जनता विकास के नाम पर भाजपा के साथ जुड़ेगी।
ये नेता हुए शामिल नागौर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे सुखबीर सिंह चौधरी, पूर्व जिला परिषद् सदस्य राजाराम चौधरी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य लादू राम कुदण, यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे मनमोहन चौधरी, कांग्रेस नेता विजेंद्र सिंह, पंचायत समिति सदस्य भोम सिंह गौड़, तेजाराम चौधरी, दिनेश वैष्णव, श्रवण विश्नोई, सुखराम प्रजापत, अमृताराम जाजड़ा, आदुराम लेगा, काजी अतेशानुद्दीन व सवाई माधोपुर से पार्षद असीम खां भाजपा में शामिल हुए।
परिवारवाद का सबसे बड़ा उदाहरण जगमोहन मीना: डोटासरा विधानसभा उपचुनाव के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार में पोपाबाई का राज चल रहा है। लैपर्ड 9 से 10 लोगों को मार देता है और लोग पत्थरों से टाइगर को मार रहे हैं। थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण की सरकार ने घोषणा कर दी, लेकिन नियमों में संशोधन ही नहीं किया।
डोटासरा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में मंत्री किरोड़ीलाल मीना पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा परिवारों को टिकट नहीं देने की बातें करती थी। अब भाजपा में जगमोहन मीना परिवारवाद के बड़े उदाहरण हैं। भतीजा, चाचा और किरोड़ी सब चुनाव लड़ रहे हैं। किरोड़ी ने पिछले दिनों कहा था कि उनका और बेढम का प्रमोशन होगा, कैबिनेट मंत्री का प्रमोशन तो मुख्यमंत्री बनने पर ही होता है। उनके बयान से समझ आता है कि वे अब भी उसी काम में लगे हैं, जिसमें पहले लगे थे।
कांग्रेस ने युवाओं की आंखों में धूल झोंकी थी- दिलावर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि रीट में चीट करने के जिम्मेदारों को हर जगह खोट ही दिखाई देगा। बड़बोले गोविन्दडोटासरा ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। इसलिए उन्हें भजनलाल शर्मा सरकार की ओर से की जा रही भर्तियां और विकास के काम दिखाई नहीं दे रहे।
दिलावर ने कहा कि डोटासरा शायद यह नहीं चाहते कि महिलाओं को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन में आरक्षण मिले। इसलिए इसमें अड़चनें डालना चाह रहे हैं। कांग्रेस राज में जो भर्तियां अटकी थी, उनको भी हमने पूरा किया है। कांग्रेस ने युवाओं की आंखों में धूल झोंकी थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि या तो भर्तियां न्यायालय में रुक गईं या पेपरलीक के कारण रद्द की गई।