2018 में छोड़ दी थी भाजपा
पिछले महीने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मानवेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। जिसे उनके भाजपा में शामिल होने से जोड़ा जा रहा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह जसोल भाजपा के टिकट पर सांसद और विधायक बने, लेकिन उन्होंने विधायक रहते हुए वर्ष 2018 में भाजपा छोड़ दी थी।
उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने झालरापाटन से वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन बड़े वोटों के अंतर से उनकी हार हुई। 2019 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए। 2023 के विधानसभा चुनाव में सिवाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई।
इस बयान से मिल गया था संकेत
अब जीव सोरो हुयो…। मानवेन्द्र विधानसभा चुनाव हारे और कांग्रेस भी प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई। इसके बावजूद उनके इस बयान ने संकेत दे दिया था कि वे वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से खुश हैं। उन्होंने इसे स्वाभिमान की जीत भी बताया था। इसके बाद से ही मानवेन्द्र की भाजपा में वापसी की चर्चाएं तेज थी।
मानवेन्द्र जब बाड़मेर में पिता जसवंत सिंह की जयंती पर आयोजित रक्तदान शिविर में पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि पूरे प्रदेश में यह संदेश गया है कि इस बार स्वाभिमान की जीत हुई है। भाजपा में वापसी के सवाल पर मानवेन्द्र ने कहा था कि जैसा समर्थक कहेंगे वैसा होगा।