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खेत में काम करते समय अचानक युवक की मौत, घर में मचा कोहराम, पता चलते ही पत्नी हो गई बेसुध

तेजाजी मंदिर देंवदों की ढाणी में सोमवार को खेत में काम करते समय तारबंदी में पास के खेत की बोरिंग केबल का करंट दौड़ने से युवक की मौत हो गई।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर/कालवाड़। निकटवर्ती दुर्जनियावास पंचायत के सुंदरियावास गांव स्थित तेजाजी मंदिर देंवदों की ढाणी में सोमवार को खेत में काम करते समय तारबंदी में पास के खेत की बोरिंग केबल का करंट दौड़ने से युवक की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि सुंदरियावास गांव की देंवदों की ढाणी निवासी विकास जाट (24) पुत्र नाथूराम देंवदा घर के पास अपने खेत में काम करते समय तारबंदी में दौड़ रहे करंट की चपेट में आ गया।

करंट लगने पर लोगों ने उसे बेल्ट से खींचकर बचाने का प्रयास किया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना पर आसपास के बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और सूचना पर विद्युत निगम कालवाड के अभियंता मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। हैड कांस्टेबल मोहनलाल जीतरवाल की उपस्थिति में जयपुर के कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द किया। कालवाड़ के विद्युत सहायक अभियंता मोहन लाल शर्मा ने घटना की रिपोर्ट तैयार की।

घर में कोहराम, बेसुध हुए परिजन:
सुन्दरियावास देंवदों की ढाणी में करंट से विकास की मौत होने की सूचना मिलते ही उसके घर में कोहराम मच गया। पोस्टमार्टम के बाद विकास का शव घर लाया गया तो पत्नी मोहनी, पिता नाथूराम, सास राजा देवी, बड़े भाई कमलेश, बहन चिंकी कंचन, साले गणेश आदि विलाप करते हुए बेसुध हो गए। ढांढस बंधवाते रिश्तेदारों के आंसू छलक गए।

विकास को बचाते चार जने बाल-बाल बचे:

खेत की तारबंदी में दौड़े करंट की चपेट में आए विकास को बचाने के लिए पत्नी मोहनी व पास में काम कर रहे तीन चार लोग दौड़कर आए। उन्हें करंट आने का पता नहीं चला। विकास को करंट से बचाने के प्रयास में वे भी बाल बाल बच गए।

केबल को संभाल लेते तो नहीं होता हादसा:
जिस खेत की बाउंड्री में करंट से जो हादसा हुआ उसको टाला जा सकता था। परिजनों ने बताया कि अगर पास के खेत की बोरिंग पर जा रही बिजली की केबल व उसमें आए फॉल्ट को समय रहते संभाला होता तो विकास की मौत नहीं होती। विकास देंवदा की मौत के बाद उसकी पांच साल की बेटी दीक्षा गुमसुम रही। विकास फार्मासिस्ट था और दवा वितरण के साथ-साथ घर पर खेती का कार्य भी करता था।

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