जयपुर

Mahashivratri 2024 : 300 साल बाद विशेष संयोगों के बीच महाशिवरात्रि, इस योग में शिव पूजन करने से बरसेगी कृपा

Mahashivratri 2024 : शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण योग, घनिष्ठा नक्षत्र सहित अन्य योग संयोगों में शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व और प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। अलसुबह से शहर के प्रमुख ताड़केश्वर महादेव, झाडखंड महादेव, जंगलेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, रोजगारेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में शिवभक्तों का तांता देखने को मिलेगा।

जयपुरMar 06, 2024 / 09:33 am

Kirti Verma

Mahashivratri 2024 : शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण योग, घनिष्ठा नक्षत्र सहित अन्य योग संयोगों में शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व और प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। अलसुबह से शहर के प्रमुख ताड़केश्वर महादेव, झाडखंड महादेव, जंगलेश्वर महादेव, भूतेश्वर महादेव, रोजगारेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में शिवभक्तों का तांता देखने को मिलेगा। मंदिरों में चार प्रहर की पूजा के साथ ही अन्य अनुष्ठान होंगे। मंदिर में विशेष रोशनी की जाएगी। इधर एमआई रोड अमरापुर स्थान स्थित अमरापुरेश्वर महादेव मंदिर में सुबह सात बजे से सत्संग तत्पश्चात हवन यज्ञ अनुष्ठान और ध्वज वंदन का कार्यक्रम आयोजित होगा। भगवान भोलेनाथ, सतगुरु स्वामी टेऊंराम की झांकी सजाई जाएगी। बीडी टेकवानी ने बताया कि दोपहर 11 से 2 बजे तक भंडारा प्रसाद का आयोजन भी किया जाएगा।

 

ताड़केश्वर महादेव मंदिर के पुजारी विक्रांत व्यास ने बताया कि लाइनों के जरिए भक्तों का प्रवेश होगा। रामसागर और गंगाजल की व्यवस्था की जाएगी। इधर झाडखंड महादेव मंदिर में भी रंग रोगन सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही है। दो लाइनों के जरिए भक्तों का प्रवेश होगा। विदेशी फूलों से शृंगार होगा। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष जयपप्रकाश सोमानी ने बताया कि सुबह 4.30 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 3.30 बजे तक भक्त जल चढ़ा सकेंगे। भक्ति संगीत कार्यक्रम होगा।

यह भी पढ़ें

राजस्थान में महादेव का अनोखा और अद्भुत शिवलिंग, हर साल चढ़ता है इतने सिंदूर का चोला

यह रहेंगे योग संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि कुंभ राशि में सूर्य, शनि, शुक्र का युति संबंध रहेगा। इस प्रकार के योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं। जब नक्षत्र योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है। इस योग में शिव पूजन करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शुक्रवार के दिन श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर करण तथा मकर, कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी।

चार प्रहर पूजन समय
प्रथम प्रहर शाम 6:28 से रात्रि 9:32 तक, दूसरा प्रहर रात 9:33 से 12: 37 बजे तक, तृतीय प्रहर मध्य रात्रि 12:38 से 3:41 बजे तक , चतुर्थ प्रहर मध्य रात्रि बाद 3:42 से अगले दिन प्रातः 06: 46 बजे तक , निशीथ काल मध्य रात्रि 12:13 से 1:02 बजे तक।

यह भी पढ़ें

फाल्गुनी खाटू लक्खी मेला 11 मार्च से, इन पर लगी रोक, ऐसे समझें नई व्यवस्थाओं को

महाशिवरात्रि पर लगातार 12 घंटे ध्यान करेंगे भक्त
महाशिवरात्रि पर एक रात महादेव के नाम कार्यक्रम से जुडेंगे। भक्त् 12 घंटे महादेव की भक्ति और ध्यान में गुजरेंगे। ईशा फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम महाशिवरात्रि के दिन शाम 6 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन सुबह 6 बजे तक होगा। यह कार्यक्रम ईशा फाउंडेशन का है, जिसे विश्व में 300 जगहों पर देखा जाएगा। जयपुर में यह कार्यक्रम सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला सुरभि सदन में होगा। स्क्रीन के जरिए सामूहिक रूप से लोग अनुष्ठान से जुड़ेंगे। बीते साल यह कार्यक्रम देश-दुनिया में 14 करोड़ लोगों ने देखा। इस बार यह संख्या और बढ़ेगी। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को महाशिवरात्रि पर व्रत रखे जाने के कारण सागार भी करवाया जाएगा।

एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर रहेगा बंद
सालभर में एक बार खुलने वाला मोतीडूंगरी पहाड़ी पर स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर इस साल भी आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।

Hindi News / Jaipur / Mahashivratri 2024 : 300 साल बाद विशेष संयोगों के बीच महाशिवरात्रि, इस योग में शिव पूजन करने से बरसेगी कृपा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.