बुजुर्गों से अपराध और दुर्रव्यवहार के 365 केस दर्ज हुए हैं प्रदेश में एक साल के दौरान..
राजस्थान में साठ साल के बुजुर्गों की संख्या लाखों में है। लेकिन अच्छी बात ये है कि उनके साथ होने वाले अपराधों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर हैं। साल 2021 में राजस्थान में सीनियर सिटीजन के साथ होने वाले अपराधों की संख्या सिर्फ 365 रही, यानि औसतन हर साल एक। इसके इतर महाराष्ट्र राज्य मे यह संख्या 6190 और एमपी में 5273 रही। तेलांगना, तमिलनाडु, केरल, आंधप्रदेश, हरियाण, यूपी जैसे राज्य राजस्थान से कहीं आगे रहे अपराध के मामलों में। सबसे ज्यादा हालात अन्य राज्यों की तुलना में बेहद छोटे तेलागंना राज्य के रहे हैं।
राजस्थान में साठ साल के बुजुर्गों की संख्या लाखों में है। लेकिन अच्छी बात ये है कि उनके साथ होने वाले अपराधों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर हैं। साल 2021 में राजस्थान में सीनियर सिटीजन के साथ होने वाले अपराधों की संख्या सिर्फ 365 रही, यानि औसतन हर साल एक। इसके इतर महाराष्ट्र राज्य मे यह संख्या 6190 और एमपी में 5273 रही। तेलांगना, तमिलनाडु, केरल, आंधप्रदेश, हरियाण, यूपी जैसे राज्य राजस्थान से कहीं आगे रहे अपराध के मामलों में। सबसे ज्यादा हालात अन्य राज्यों की तुलना में बेहद छोटे तेलागंना राज्य के रहे हैं।
प्रदेश में एक साल के दौरान दस बुजुर्गों की हत्या की गई है। दो के उपर हत्या का प्रयास किया गया है। बुजुर्गों से मारपीट और गंभीर मारपीट के 36 केस सामने आए हैं। रेप के चार केस दर्ज किए गए हैं। चोरी और लूट के करीब बीस केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा ठगी, चीटिंग और अन्य अपराधों के करीब 120 केस दर्ज किए गए हैं।
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राजस्थान पुलिस ने सिटीजन एप जारी कर रखा है। इस एप के अनुसार कोई भी बुजुर्ग जो एकांकी जीवन जी रहे हैं वे लोकल थाने के लोकल पुलिसकर्मी का नंबर ले सकते हैं और अपने डेली के जरूरी कामों के लिए पुलिस की मदद ले सकते हैं। करीब दस साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी और प्रदेश भर में करीब पांच हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने इससे फायदा उठाया है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी बुजुर्गों की देखभाल के लिए कई योजनाएं जारी कर रखी हैं। हाल ही में बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा भी कराई जा रही है।
राजस्थान पुलिस ने सिटीजन एप जारी कर रखा है। इस एप के अनुसार कोई भी बुजुर्ग जो एकांकी जीवन जी रहे हैं वे लोकल थाने के लोकल पुलिसकर्मी का नंबर ले सकते हैं और अपने डेली के जरूरी कामों के लिए पुलिस की मदद ले सकते हैं। करीब दस साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी और प्रदेश भर में करीब पांच हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने इससे फायदा उठाया है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी बुजुर्गों की देखभाल के लिए कई योजनाएं जारी कर रखी हैं। हाल ही में बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा भी कराई जा रही है।