बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 7 अन्य सदस्य होंगे। बोर्ड में सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर में 22 मई को कालजयी योद्धा महाराणा प्रताप की स्मृति में बोर्ड गठित करने की घोषणा की थी।
बोर्ड यह करेगा काम :
इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना, उन पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण एवं नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, सम्बन्धित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है। साथ ही, उनके नाम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना, उन पर आधारित मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों तथा कवि सम्मेलनों का आयोजन करना एवं देश-विदेश में उनके विचारों का प्रचार-प्रसार का कार्य भी बोर्ड करेगा।
इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना, उन पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण एवं नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, सम्बन्धित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है। साथ ही, उनके नाम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना, उन पर आधारित मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों तथा कवि सम्मेलनों का आयोजन करना एवं देश-विदेश में उनके विचारों का प्रचार-प्रसार का कार्य भी बोर्ड करेगा।