जयपुर. अगर आप प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जाने की योजना बना रहे हैं और आप वहां रुकने के लिए टेंट, होटल या कॉटेज आदि की बुकिंग के लिए वेबाइट्स सर्च कर रहे हैं तो सावधान ! कहीं आप ठगी का शिकार न हो जाएं। महाकुंभ 2025 के शुरू होने से पहले ही साइबर ठग एक्टिव हो गए हैं। प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों तक महाकुंभ चलने वाला है। इस दौरान दुनिया भर से 40 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रदर्शन होगा। राजस्थान से भी लाखों लोग यहां स्नान के लिए जाएंगे।
फैलाया फर्जी वेबसाइट्स का जाल
महाकुंभ की तैयारियों के बीच साइबर अपराधियों ने होटल, लॉज, टेंट या कॉटेज आदि की बुकिंग के लिए फर्जी वेबसाइट्स का जाल श्रद्धालुओं को ठगने के लिए इंटरनेट पर फैला दिया है। पिछले दिनों प्रयागराज के साइबर थाने की पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश कर 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन लैपटॉप, छह मोबाइल और छह एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। पूछताछ में पता चला कि ये अपराधी महाकुंभ के नाम पर फर्जी वेबसाइट्स बनाकर श्रद्धालुओं से ठगी कर रहे थे। ये अपराधी महाकुंभ के नाम पर भोले-भाले श्रद्धालुओं को सस्ते बुकिंग ऑफर देकर ठगते है।
श्रद्धालुओं को ठहरने, वीआईपी स्नान, और दर्शन जैसी सेवाओं का लालच देकर जाल में फंसाया जाता है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय, राजस्थान पुलिस और प्रयागराज साइबर पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि बुकिंग करते समय आधिकारिक वेबसाइट्स का ही उपयोग करें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। साइबर अपराध की शिकायत तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर करें।
फर्जी वेबसाइट्स
गिरोह ने महाकुंभ में कॉटेज, होटल, टेंट सिटी, लॉज आदि की बुकिंग के नाम पर आकर्षक ऑफर देकर लोगों को फंसाने का काम कर रहा है। ये लोग फर्जी वेबसाइट्स बनाकर सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार कर रहे थे। श्रद्धालुओं को सस्ती और आकर्षक बुकिंग का लालच देकर ठगी की जाती थी। इनके पास महाकुंभ से जुड़ी कई फर्जी वेबसाइट्स थीं, जो असली वेबसाइट्स जैसी दिखती थीं।