जयपुर

Magh Festival : सामने आएंगे संस्कृत साहित्य के हास-परिहास

प्रसिद्ध महाकवि माघ (Mahakavi Magh Festival) की जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को अखिल भारतीय माघ महोत्सव शुरू होगा। राजस्थान संस्कृत अकादमी (Rajasthan Sanskrit Academy) की ओर से महोत्सव के पहले दिन ‘माघ प्रशस्ति’ का लोकार्पण और ‘संस्कृत साहित्य में प्रेम तत्व’ विषय पर विशिष्ट व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ। कला व संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने ‘माघ प्रशस्ति’ का लोकार्पण किया। महोत्सव के तहत 27 फरवरी तक कई कार्यक्रम होंगे।

जयपुरFeb 14, 2021 / 09:45 pm

Girraj Sharma

Magh Festival : सामने आएंगे संस्कृत साहित्य के हास-परिहास

सामने आएंगे संस्कृत साहित्य के हास-परिहास
— अखिल भारतीय माघ महोत्सव शुरू
— कला व संस्कृति मंत्री ने किया ‘माघ प्रशस्ति’ का लोकार्पण
जयपुर। प्रसिद्ध महाकवि माघ (Mahakavi Magh Festival) की जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को अखिल भारतीय माघ महोत्सव शुरू होगा। राजस्थान संस्कृत अकादमी (Rajasthan Sanskrit Academy) की ओर से महोत्सव के पहले दिन ‘माघ प्रशस्ति’ का लोकार्पण और ‘संस्कृत साहित्य में प्रेम तत्व’ विषय पर विशिष्ट व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ। कला व संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने ‘माघ प्रशस्ति’ का लोकार्पण किया। महोत्सव के तहत 27 फरवरी तक कई कार्यक्रम होंगे। संस्कृत-हिंदी के इस अनूठे कार्यक्रम में संस्कृत की विभिन्न विधाओं-धाराओं और विषयों पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।
मंत्री कल्ला ने कहा कि प्रेम का जन्म भले ही भौतिक-शारीरिक धरातल पर हो, पर वह सार्थक तब होता है, जब आध्यात्मिक धरातल को प्रभावित करें। प्रेम त्याग और समर्पण की भाषा बोलता है और समझता है। महाकवि माघ को प्रकृति से प्रेम है, इसलिए उन्होंने प्रकृति का मानवीकरण किया। कल्ला ने महाकवि माघ को समर्पित डॉक्टर रामदेव साहू की ओर से लिखित माघ प्रशस्ति का लोकार्पण किया। उन्होंने नई पीढ़ी से प्रकृति से प्रेम करने का आह्वान किया।

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