देखो सरकार! सरकारी अस्पतालों में तड़प रहे मरीज, हड़ताल पर अड़े रेजिडेंट्स, देखें बेबसी की तस्वीरें
सरकारी अस्पतालों में मरीज दर्द से कहरा रहे हैं। वहीं रेजिडेंट्स और सरकार दोनों ने ही आंखों पर पट्टी बांध रखी है। आज हड़ताल का 14 वां दिन है, लेकिन अभी तक सरकार और रेजिडेंट्स के बीच कोई सुलह नहीं हुई है।
रेजिडेंट्स हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर व बीकानेर में इमरजेंसी में भी अब रेजिडेंट्स ने काम छोड़ दिया है। जिसके कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
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राजधानी जयपुर में रेजिडेंट्स की हड़ताल का आज 14 वां दिन है। वहीं, अब दो दिनों से प्रदेशभर में हड़ताल की जारी है। इधर, सरकार की ओर से अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है।
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प्रदेश के सबसे एसएमएस अस्पताल में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अस्पताल के ओपीडी में जहां मरीजों की कतार लग रही हैं। घंटों कतारों की पीड़ा से मरीजों का दर्द और बढ़ गया है।
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ओपीडी व इमरजेंसी में जैसे—तैसे सीनियर डॉक्टर्स हालात को संभालने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं दुर्घटना व गंभीर हालत में आने वाले मरीजों की जान पर बन आई है।
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वार्डों में भी हड़ताल का असर नजर आ रहा है। हालात बिगड़ते देखकर अन्य सीनियर डॉक्टर्स की फैकल्टी को लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है। हालांकि यह नाकाफी साबित हो रहे हैं।
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जार्ड अध्यक्ष डॉ मनोहर सियोल का कहना है, 'हम सरकार से आठ सूत्रीय मांगें कर रहे हैं, जो जायज है। स्वयं चिकित्सा मंत्री ने भी हमारी बात सुनी है और मांगें पूरी करने के लिए कहा है। लेकिन अब तक मांगें पूरी नहीं हो सकी है। हम भी नहीं चाहते की हमारी वजह से मरीजों को परेशानी हो, लेकिन हमारी मजबूरी है।'
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मौसमी बीमारियों के चलते छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बीमार हो रहे हैं। डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के चलते पहले से ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ थी, अब हालात और खराब हो गए हैं।