जयपुर। वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार लीची जैसे स्वादिष्ट विदेशी फल लौंगन की एक किस्म का विकास कर लिया है, जो न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि कैंसर रोधी के साथ-साथ विटामिन सी और प्रोटीन से भरपूर भी है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग एक दशक के अनुसंधान के बाद लौंगन की गंडकी उदय किस्म का विकास किया है। लीची परिवार का यह फल चीन, मलेशिया, थाईलैंड आदि में पाया जाता है। लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक विशाल नाथ ने बताया कि लीची के मौसम के बाद लोग लौंगन के फल का मजा ले सकेंगे। यह रसीला होता है और इसका स्वाद लीची से मिलता जुलता है। इसका फल अगस्त में पक कर तैयार हो जाता है जबकि लीची की फसल इससे पहले समाप्त हो जाती है। डॉ. विशाल नाथ ने बताया कि लौंगन का फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही कैंसर रोधी गुणों वाला है। इसमें भरपूर मात्र में विटामिन सी के साथ ही प्रोटीन, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भी पाया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, केरोटीन ,फाइबर, थाइमिन और कुछ अन्य तत्व भी पाए जाते हैं। लौंगन का पेड़ लीची की तरह का होता है और यह लगाने के दो साल बाद ही फलने लगता है। इसके एक वयस्क पेड़ में डेढ़ से दो ङ्क्षक्वटल तक फल लगते हैं। इसका फल लीची से भी मीठा होता है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग एक दशक के अनुसंधान के बाद लौंगन की गंडकी उदय किस्म का विकास किया है। लीची परिवार का यह फल चीन, मलेशिया, थाईलैंड आदि में पाया जाता है। लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक विशाल नाथ ने बताया कि लीची के मौसम के बाद लोग लौंगन के फल का मजा ले सकेंगे। यह रसीला होता है और इसका स्वाद लीची से मिलता जुलता है। इसका फल अगस्त में पक कर तैयार हो जाता है जबकि लीची की फसल इससे पहले समाप्त हो जाती है। डॉ. विशाल नाथ ने बताया कि लौंगन का फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही कैंसर रोधी गुणों वाला है। इसमें भरपूर मात्र में विटामिन सी के साथ ही प्रोटीन, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भी पाया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, केरोटीन ,फाइबर, थाइमिन और कुछ अन्य तत्व भी पाए जाते हैं। लौंगन का पेड़ लीची की तरह का होता है और यह लगाने के दो साल बाद ही फलने लगता है। इसके एक वयस्क पेड़ में डेढ़ से दो ङ्क्षक्वटल तक फल लगते हैं। इसका फल लीची से भी मीठा होता है।