सीकर, चूरू, झुंझुनूं, बाड़मेर-जैसलमेर, दौसा सीटें ऐसी हैं जो भाजपा के हाथ से निकल सकती हैं। इन सीटों पर कांग्रेस एलायंस मजबूत स्थिति में है। नागौर सीट के लिए पहले कहा जा रहा था कि हनुमान बेनिवाल भाजपा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा से आगे हैं, लेकिन अब मिर्धा उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं। देश की हॉट सीटों में शुमार बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह कांग्रेस के उम्मेदाराम और भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी के मुकाबले मजबूत स्थिति में बताए जा रहे हैं।
हालांकि, 25 सीटें किस पार्टी के खाते में जाएंगी, इसका पता 4 जून को चलेगा जब वोटों की गिनती होगी। जोधपुर सीट से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने सचिन पायलट के करीबी नेता करण सिह उचियारड़ा को शेखावत के खिलाफ उतारा है। नया चेहरा होने के नाते उचियारड़ा उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। चूरू से दो बार भाजपा की टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे राहुल कस्वां इस बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दरअसल, भाजपा ने कस्वां का टिकट काटकर पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझडिय़ा को टिकट दिया है।
बीकानेर में भी कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर बताई जा रही है। भाजपा ने यहां से केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को टिकट दिया है जो 2009 से यहां से सांसद हैं, तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने मदन गोपाल मेघवाल को टिकट दिया है। दोनों के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है। बांसवाड़ा में भी रोचक टक्कर है। भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को टिकट दिया है।
उनका सीधा मुकाबला बीएपी उम्मीदवार राजकुमार रोट से है। हालांकि, इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद दामोर भी मैदान में हैं। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान के फरमान के बावजूद उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया। कांग्रेस ने भले ही दामोर को टिकट दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने बीएपी उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा के साथ अपने उम्मीदवार को नाम लेने के लिए कहा था।