आजादी के बाद का पहला चुनाव जीता :
आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दौलतमल भंडारी ने पहली जीत दर्ज की। भंडारी ने निर्दलीय चिरंजीलाल को करीब 14 हजार वोट से हराया था। तब के चुनाव में करीब एक लाख 19 हजार वोट पडे़ थे और सात प्रत्याशी मैदान में थे।
आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दौलतमल भंडारी ने पहली जीत दर्ज की। भंडारी ने निर्दलीय चिरंजीलाल को करीब 14 हजार वोट से हराया था। तब के चुनाव में करीब एक लाख 19 हजार वोट पडे़ थे और सात प्रत्याशी मैदान में थे।
निर्दलीय ने मार ली बाजी – इसके बाद दूसरे चुनाव में कांग्रेस को सफलता नहीं मिल पाई। निर्दलीय हरीशचंद शर्मा ने बाजी मारी तो इसके बाद के तीन चुनाव में स्वतंत्र पार्टी की गायत्री देवी ने चुनाव जीता। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी का खाता खुला और सतीश चंद अग्रवाल सांसद बने। अग्रवाल ने कांग्रेस के जनार्दन सिंह को चुनाव में हराया। 1980 में भी यह सीट जनता पार्टी के खाते में ही गई।
इंदिरा की सहानभूति के बाद कांग्रेस को मिली जीत:
सीट पर दूसरी जीत के लिए कांग्रेस को 32 साल इंतजार करना पड़ा। वर्ष 1984 के चुनाव में कांग्रेस के नवलकिशोर शर्मा जीते। यह चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था और तब कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर चल रही थी। पूरे देश में कांग्रेस काे लोकसभा में चार सौ से ज्यादा सीटें मिली थी।
सीट पर दूसरी जीत के लिए कांग्रेस को 32 साल इंतजार करना पड़ा। वर्ष 1984 के चुनाव में कांग्रेस के नवलकिशोर शर्मा जीते। यह चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था और तब कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर चल रही थी। पूरे देश में कांग्रेस काे लोकसभा में चार सौ से ज्यादा सीटें मिली थी।
छह बार लगातार भार्गव बने सांसद :
वर्ष 1989 से 2004 तक हुए छह लोकसभा चुनावों में भाजपा के गिरधारी लाल भार्गव चुनाव जीते और उन्होंने जयपुर में जीत का रेकार्ड भी बनाया। उन्होंने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को शिकस्त दी। इसके बाद 2009 के चुनाव से पहले उनका निधन हो गया।
तीसरी जीत मिली 25 साल बाद :
वर्ष 2009 के चुनाव से पहले सीटाें का परिसीमन हो गया। जयपुर में भी दो सीटे बन गई। एक जयपुर और दूसरी सीट जयपुर ग्रामीण कहलाई। जयपुर में कांग्रेस के महेश जोशी ने 25 साल बाद पार्टी का सूखा खत्म किया और चुनाव जीते। इसके बाद 2014 के चुनाव में जोशी की बहुत बुरी हार हुई। भाजपा के रामचरण बोहरा ने उन्हें हराया और 2019 में भी बोहरा सांसद चुने गए।
वर्ष 1989 से 2004 तक हुए छह लोकसभा चुनावों में भाजपा के गिरधारी लाल भार्गव चुनाव जीते और उन्होंने जयपुर में जीत का रेकार्ड भी बनाया। उन्होंने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को शिकस्त दी। इसके बाद 2009 के चुनाव से पहले उनका निधन हो गया।
तीसरी जीत मिली 25 साल बाद :
वर्ष 2009 के चुनाव से पहले सीटाें का परिसीमन हो गया। जयपुर में भी दो सीटे बन गई। एक जयपुर और दूसरी सीट जयपुर ग्रामीण कहलाई। जयपुर में कांग्रेस के महेश जोशी ने 25 साल बाद पार्टी का सूखा खत्म किया और चुनाव जीते। इसके बाद 2014 के चुनाव में जोशी की बहुत बुरी हार हुई। भाजपा के रामचरण बोहरा ने उन्हें हराया और 2019 में भी बोहरा सांसद चुने गए।
जयपुर लोकसभा सीट का इतिहास
वर्ष सांसद – दल
1952- दौलतमल भंडारी – कांग्रेस
1957- हरीशचंद शर्मा- निर्दलीय
1962- गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
1967- गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
1971- गायत्री देवी- स्वतंत्र पार्टी
1977- सतीशचंद अग्रवाल- जनता पार्टी
1980- सतीश चंद अग्रवाल- जनता पार्टी
1984- नवलकिशोर शर्मा- कांग्रेस
1989- गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
1991- गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
1996 -गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
1998 -गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
1999- गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
2004 -गिरधारी लाल भार्गव-भाजपा
2009- महेश जोशी- कांग्रेस
2014 – रामचरण बोहरा- भाजपा
2019 -रामचरण बोहरा- भाजपा