-जीनस पावर- 34.5 करोड़
-वंडर ग्रुप (सीमेंट, मिनरल्स, मानमोस्टोंस व निदेशक)- 32 करोड़
-ओम मेटल- 9 करोड़
-मोहित मिनरल्स- 5 करोड़
-नवल किशोर अग्रवाल- 4 करोड़
-श्रीसीमेंट- 1.5 करोड़
-संजय अग्रवाल-1 करोड़
(अब तक पड़ताल के अनुसार)
बाबा श्याम के दरबार में उमड़ रहा श्रद्धा का सैलाब, तस्वीरों में देखें किस तरह लगा रहे ‘हाजिरी’?
चुनावी या इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2017 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री ने पेश की थी। 2 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया। ये एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है। इसे बैंक नोट भी कहते हैं। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है। दावा किया गया था कि इससे राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग और चुनाव व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। वहीं, दूसरे पक्ष का दावा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले की पहचान जाहिर नहीं की जाती है, इससे ये चुनावों में काले धन के इस्तेमाल का जरिया बन सकते हैं।