इन लोकसभा सीटों पर प्रभाव
अलवर, भरतपुर, जयपुर शहर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, बाड़मेर-जैसलमेर, जोधपुर लोकसभा सीट हैं, जिनमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक मतदाता हैं। कई विधानसभा क्षेत्र में तो वे निर्णायक स्थिति में रहते आए हैं।
ये हैं 40 विधानसभा सीट
भाजपा अल्पसंख्यक बहुल की 40 विधानसभा सीट मानती हैं। इनमें हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन्स, सीकर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, झुंझुनूं, मंडावा, सरदारपुरा, सूरसागर, फलौदी, पोकरण, जैसलमेर, शिव, चौहटन, बीकानेर पश्चिम, बीकानेर पूर्व, खाजूवाला, पुष्कर, मसूदा, टोंक, कोटा उत्तर, लाडपुरा, नागौर शहर, मकराना, डीडवाना, लाडनूं, नगर, कामां, तिजारा, किशनगढ़बास, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, सवाईमाधोपुर, झालरापाटन, बूंदी, चूरू, धौलपुर और करणपुर है।
ये गिना रहे मुख्य उपलब्धियां
– कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना
– तीन तलाक कानून
– अल्पसंख्यकों के लिए संचालित योजनाएं
– हुनर आर्ट और उस्ताद योजना
– अयोध्या में राम मंदिर निर्माण
– पेट्रोल-डीजल के कम किए दाम
-पीएम आवास योजना-उज्ज्वला योजना
-नई रोशनी, नई उड़ान
फैक्ट फाइल
– 40 सीटें हैं मुस्लिम बहुल की प्रदेश में
– 18 सीट कांग्रेस के पास हैं अभी
– 19 सीट पर भाजपा
– 3 सीट पर निर्दलीय व अन्य पार्टी के खाते में गईं
10 हजार से ज्यादा बूथ
प्रदेश में 52 हजार से ज्यादा बूथ हैं। इनमें से करीब 10 हजार बूथों पर अल्पसंख्यकों का दबदबा है। इन बूथों का जिम्मा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को दिया गया है। इन बूथों पर मोर्चा चुनावी प्लानिंग में जुट गया है।
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इन सीटों पर नजर (विधानसभा चुनाव में स्थिति)