जयपुर

राजस्थान की इन दो लोकसभा सीटों का एक जैसा हाल…भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर, तीसरे दल की ‘No Entry’

वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक तीन लोकसभा चुनाव हुए। जयपुर की शहर व ग्रामीण सीट से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा 94 प्रत्याशियों ने दिल्ली जाने का सपना देखा, लेकिन जयपुर ग्रामीण से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके जौनपुरिया ही जमानत बचा पाए थे।

जयपुरApr 03, 2024 / 11:26 am

Anil Prajapat

अश्विनी भदौरिया

Lok Sabha Elections 2024 : जयपुर। राजधानी की शहर और ग्रामीण लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर होती आई है। इस बार भी दोनों सीटों पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही दिखाई दे रहा है। अन्य दल और निर्दलीय मतदाताओं का भरोसा नहीं जीत पाए हैं। कई प्रत्याशियों से ज्यादा वोट तो नोटा को मिले हैं।

वर्ष 2009 से लेकर 2019 तक तीन लोकसभा चुनाव हुए। जयपुर की शहर व ग्रामीण दोनों सीट से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा 94 प्रत्याशियों ने दिल्ली जाने का सपना देखा, लेकिन जयपुर ग्रामीण से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके सुखवीर सिंह जौनपुरिया ही जमानत बचा पाए थे। वर्ष 2009 के चुनाव में जौनपुरिया को 1.27 लाख मत मिले थे। वहीं, वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे डॉ. वीरेंद्र सिंह को 55 हजार से अधिक मत मिले थे। हालांकि, वे जमानत बचा नहीं पाए थे।

 

 

दोनों ही सीट पर पिछले दो चुनाव से भाजपा का दबदबा है। कांग्रेस भले ही दूसरे नम्बर पर रही है, लेकिन जीत का अंतर तीन लाख से पांच लाख तक रहा है। वर्ष 2009 के चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस जीती थी। जयपुर में कांग्रेस की करीब 16 हजार मतों से जीत हुई थी। वहीं, जयपुर ग्रामीण में करीब 52 हजार मतों से कांग्रेस जीती थी।

 

 

 जयपुर शहर 
वर्ष भाजपाकांग्रेस
200946.9148.89
201466.5824.99
201963.4533.88
 जयपुर ग्रामीण 
200932.9240.53
201462.4429.60
201964.2433.44

 

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जयपुर शहर — वर्ष 2009 : कांग्रेस प्रत्याशी महेश जोशी ने भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को 16,049 मतों से हराया था। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के अलावा एक भी प्रत्याशी 10 हजार मतों के आंकड़े को छू नहीं पाया था। कुल 25 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 23 की जमानत जब्त हो गई थी।

वर्ष 2014 : भाजपा प्रत्याशी रामचरण बोहरा ने कांग्रेस प्रत्याशी महेश जोशी को 5.39 लाख मतों से हराया था। नोटा पर 8,345 लोगों ने विश्वास जताया। जमानत जब्त होने वाले 14 में से 10 को नोटा जितने वोट भी नहीं मिले थे। कुल 16 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 14 की जमानत जब्त हो गई थी।

वर्ष 2019 : भाजपा प्रत्याशी रामचरण बोहरा ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल को 4.30 लाख मतों से हराया था। चुनाव में 22 प्रत्याशियों में से 11 ऐसे थे, जो एक हजार मत भी हासिल नहीं कर पाए। नोटा को 6522 मत मिले थे। कुल 24 प्रत्याशियों में से 22 की जमानत जब्त हो गई थी।


जयपुर ग्रामीण — वर्ष 2009 : कांग्रेस प्रत्याशी लालचंद कटारिया ने भाजपा प्रत्याशी राव राजेंद्र सिंह को 52 हजार से अधिक मतों से हराया था। निर्दलीय प्रत्याशी सुखवीर सिंह जौनपुरिया जमानत बचा पाए थे। पांच प्रत्याशी एक हजार मतों के आंकड़े को भी नहीं छू पाए थे। कुल 21 प्रत्याशियों में से 18 की जमानत जब्त हो गई थी।

वर्ष 2014 : भाजपा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी को 3.32 लाख मतों से हराया था। एक फीसदी से अधिक मतदाताओं (11533) ने नोटा पर विश्वास जताया। तीन प्रत्याशी ही नोटा से अधिक मत प्राप्त कर सके थे। कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 10 की जमानत जब्त हो गई थी।

वर्ष 2019 : भाजपा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनिया को 3.93 लाख मतों से हराया था। कुल 8 प्रत्याशियों में से छह की जमानत जब्त हुई, उनमें से एक भी ऐसा नहीं था, जिसने एक हजार मत हासिल किए।

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