कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को 12 दिन बाद ही लोकसभा का टिकट मिल गया। कांग्रेस छोड़ भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़कर हार चुकीं ज्योति मिर्धा को भी पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव में फिर मौका दिया है। ऐसे में उन बड़े नेताओं में भी टिकट मिलने की आस जाग उठी, जो विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं।
उदयपुर प्रत्याशी मन्ना लाल रावत, जालोर-सिरोही से जिला परिषद सदस्य लुंबाराम चौधरी, चूरू से पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेन्द्र झाझड़िया, अलवर से भूपेन्द्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल वह राज्यसभा सदस्य हैं। देवेन्द्र हाल में ही भाजपा में शामिल हुए हैं। आरएसएस से जुड़े मन्ना लाल रावत परिवहन विभाग में अतिरिक्त आयुक्त हैं। उन्होंने सेवानिवृति के लिए आवेदन कर दिया है।
1- बीकानेर – अर्जुन राम मेघवाल (SC) (इनको फिर से मौका)
2- चुरू – देवेंद्र झाझड़िया
3- सीकर – सुमेधानंद सरस्वती (इनको फिर से मौका)
4- अलवर – भूपेंद्र यादव
5- भरतपुर – रामस्वरूप कोली (SC)
6- नागौर – ज्योति मिर्धा
7- पाली – पीपी चौधरी (इनको फिर से मौका)
8- जोधपुर – गजेंद्र सिंह शेखावत (इनको फिर से मौका)
9- बाड़मेर – कैलाश चौधरी (इनको फिर से मौका)
10- जालोर – लुंबाराम चौधरी
11- उदयपुर – मन्नालाल रावत (ST)
12- चित्तौड़गढ़ – सीपी जोशी (इनको फिर से मौका)
13- झालावाड़ बारां -दुष्यंत सिंह (इनको फिर से मौका)
14- कोटा – ओम बिरला (इनको फिर से मौका)
15- बांसवाड़ा – महेंद्रजीत सिंह मालवीय (ST)।
दौसा में मेंहदीपुर बालाजी के दर्शन के बाद राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि भाजपा राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटें जीतेगी।
राजस्थान की कुल 25 लोकसभा सीटें है, जिनमें से 3 सीटें एसटी और चार सीटें एससी के लिए आरक्षित है। 2019 में कांग्रेस ने सामान्य वर्ग की दो सीटों पर आदिवासी नेताओं को चुनाव में उतारा। इसके अलावा सामान्य वर्ग की 18 में से करीब 8 से 12 सीटें पिछड़े वर्ग को मिलती रही है। वहीं सामान्य वर्ग को 8 से 10 सीटों पर मौका मिलता रहा है। कांग्रेस ने 2009, 2014 व 2019 में इसी तरह की सोशल इंजीनियरिंग के तहत टिकट बांटे थे।