सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से पार्टी ने विधानसभा चुनाव में कई नए चेहरों को टिकट देकर चौंकाया था, उसी तरह लोकसभा चुनाव में भी नए चेहरों को मैदान में उतार सकती है। प्रत्याशी चयन में यह सर्वे भी आधार होगा।
मुद्दे पूछ रहे, इसी आधार पर तैयार होगा कैंपेन
सर्वे में मुख्य सवाल यह भी है कि मतदान करते समय कौनसे मुद्दे फोकस में रहेंगे। जनता के इन्हीं मुद्दों के आधार पर पार्टी अपना चुनाव कैंपेन तैयार करेगी। संभव है कि चुनावी घोषणा पत्र में भी इन मुद्दों की झलक देखने को मिले।
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इन पर फोकस
– सबसे पहला सवाल ही मोदी सरकार की परफॉर्मेंस को लेकर है।
-पिछली सरकारों की तुलना में भविष्य के प्रति कितने आशावादी हैं।
-विश्व में भारत के बढ़ते कद पर राय जानी है।
-बारह सेक्टर से जुड़े कामों पर जनता क्या सोचती है।
-मोदी सरकार की किस योजना से लाभ हुआ है।
-राज्य सरकार की योजनाओं से कितना लाभ।
-भाजपा को वोट देने का इरादा रखते हैं या नहीं।
अपनों को सर्वे से जोड़ रहे सांसद
प्रदेश में भाजपा के 24 सांसद थे। विधानसभा चुनाव में 7 सांसदों को चुनाव लड़ाया, जिसमें से 4 जीते और बाकी हार गए। इन चार ने सांसद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब अभी 20 सांसद हैं। इन सभी की नींद उड़ी हुई है। कई सांसदों ने अपने कार्यकर्ता, मित्र-रिश्तेदारों से सर्वे भरवाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि खुद की परफॉर्मेंस बेहतर बता सकें।
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खुद के 12 और राज्य के 9 सेक्टर की रेटिंग जान रहे
सर्वे में मोदी सरकार ने 12 सेक्टर (कार्य) के बारे में रेटिंग ली जा रही है। जबकि, प्रदेश सरकार के कार्य के 9 फील्ड चिन्हित किए गए हैं।