सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. निखिल बंसल ने बताया कि गंगानगर निवासी चरणजीत कौर रोगी पेट में पानी भरने, लिवर में खून की नस के फट जाने व खून की उल्टी जैसी शिकायत को लेकर अस्पताल में गत सप्ताह भर्ती हुआ था। रोगी को सिरोसिस तथा पोर्टल हाइपरटेंशन था। रोगी का लिवर पर्याप्त मात्रा में खून को साफ नहीं कर पा रहा था। उसे खून का दबाव पोर्टल वेन पर पड़ रहा था। इससे उसे पोर्टल हाइपरटेंशन रहता था। मरीज ने कई जगह दिखाया पर उसे आराम नहीं मिला। पूरा उपचार मिलने के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
बिना चीरा लगाए ऐसे की बाइपास -:
डॉ. बंसल ने बताया कि गले की जुगलर नस से अति सूक्ष्म कैथेटर व गाइड वायर को ह्रदय में होते हुए लिवर की हिपेटिक वेन तक पहुंचाया गया। हिपेटिक वेन से पोर्टल वेन तक रास्ता बनाया गया तथा उसमें कवर्ड ग्राफ्ट लगा कर बाइपास किया गया। लिवर की मुख्य नस जो खून वापस लेकर आती है वहां जाकर सूई के रास्ते से लिवर पेरिनकाईमा में छेद करते हुए पोर्टल वेन में जाते हैं। बीच के रास्ते को बलून से फूलाते हैं ताकि वह रास्ता बड़ा हो जाए। इससे हाइपर टेंशन से रिलिफ मिलता है। रिकवरी समय काफी कम रहता है। पेट में पानी एकत्र होना बंद हो गया तथा खून बहने की समस्या भी खत्म हो गई।
प्रोसीजर में ये रही डॉक्टरों की टीम -:
यह ऑपरेशन गैस्ट्रोएन्ट्रोलोजी विशेषज्ञ डॉ. सुभाष नेपालिया, गैस्ट्रो सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दुर्गा जेठवा व गहन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. आशीष जैन के सहयोग से किया गया।