स्वतंत्रता के बाद साल 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अंतर्गत हिन्दी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया था और 14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। तब से लेकर हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग का गठन किया गया था। साल 1963 में राजभाषा अधिनियम राष्ट्रपति के आदेश द्वारा 1960 में आयोग की स्थापना के बाद पारित हुआ। इसके बाद 1968 में राजभाषा संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।
क्या कहा था नेहरू ने
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर ही साल 1953 में हिंदी को हर क्षेत्र में प्रचारित और प्रसारित करने के लिए पूरे देश में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजाद भारत की राजभाषा क्या हो… इस सवाल पर हुई गजब मैराथॉन के बाद फैसला किया गया। ये भारतीय संविधान के 17 वें अध्याय की धारा 343/एक में वर्णित है। इसके अनुसार भारतीय संघ की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। भारतीय संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
– किसी विदेशी भाषा से कोई राष्ट्र महान नहीं हो सकता।
– कोई भी विदेशी भाषा आम लोगों की भाषा नहीं हो सकती।
– भारत के हित में, भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के हित में, ऐसा राष्ट्र बनाने के हित में जो अपनी आत्मा को पहचाने, जिसे आत्मविश्वास हो, जो संसार के साथ सहयोग कर सके, हमें हिंदी को अपनाना ही होगा।
इन देशों में भी बोली, पढ़ी और लिखी जाती है हिंदी (List of Major hindi language Spoken Countries)
आपको ये जानकर गर्व महसूस होगा कि विदेशों में भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम और नेपाल जैसे देशों की जनता भी हिंदी बोलती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 42.2 करोड़ लोगों की आम भाषा हिंदी है। वैसे जानकारी के लिए बता दें कि हमारे देश में करीब एक अरब लोग हिंदी बोलने और समझते हैं।