राज्य के जैसलमेर जिले में जीएसआई की नई खोज में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के विशाल भण्डार मिले हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल को सचिवालय में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अधिकारियों ने जैसलमेर के चार स्थानों में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन भंडारों की खोज रिपोर्ट सौंपी।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जीएसआई की खोज में जैसलमेर के चार ब्लॉकों में 315.235 मिलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भंडार मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट का परीक्षण कर इन क्षेत्रों में प्लॉट विकसित कर नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। ख़ास बात ये है कि जिन चार जगहों पर लाइमस्टोन के भंडार मिले हैं वे गांव और ढाणियों में स्थित हैं। ऐसे में ये कहा जाए कि ये गांव-ढाणियां इन भंडारों के ज़रिये करोड़ों रूपए का राजस्व दिलवाएंगी तो कहना गलत नहीं होगा।
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राज्य में खनिज खोज और खनन कार्यों में गति लाने पर जोर है। मुख्यमंत्री ने ही केन्द्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी सेे पिछले दिनों 22 जुलाई को वर्चुअल बैठक के दौरान खनिज खोज कार्य में गति लाने और समय पर रिपोर्ट जारी करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था।
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जीएसआई ने जैसलमेर के 13 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में लाइम स्टोन के भण्डारों की खोज की है। रिपोर्ट के अनुसार जैसलमेर के लखमानोंं की ढ़ाणी में 4.60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब 18.012 मिलियन टन, जैसलमेर के ही कुइंयाला साउथ में 3.20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मेेंं 29.82 मिलियन टन, जैसलमेर की ही मियाें की ढ़ाणी ईस्ट ब्लॉक ए के 2.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 67.033 मिलियन टन और मियों की ढ़ाणी नार्थ में 200.37 मिलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइम स्टोन के भण्डार होने की संभावना रिपोर्ट दी है।
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से प्राप्त रिपोर्ट का अध्ययन कराकर विभाग द्वारा खनन के लिए ऑक्शन के लिए ब्लॉक विकसित किए जाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि राज्य में खान एवं भूगर्भ निदेशालय, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, एमईसीएल आदि द्वारा खनिज एक्सप्लोरेशन गतिविधियां जारी है।