जयपुर लोकसभा चुनाव में महज 26 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां पर 81 से 90 फीसदी मतदान हुआ है। इनमें सर्वाधिक हवामहल में 11, किशनपोल में 6, आदर्श नगर में 4, सांगानेर में 1, बगरू में 4 बूथ हैं। इसके अलावा 373 बूथ ऐसे हैं, जहां पर 71 से 80 फीसदी मतदान हुआ। 1016 बूथ ऐसे हैं जहां पर 61 से 70 फीसदी मतदान हुआ है।
ये रहे मतदान कम होने के कारण
– अपनी मजबूत सीटों पर भाजपा कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास और कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी कमजोर सीट पर इस बार उदासीन रहा, इनमें सांगानेर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर प्रमुख है।– दोपहर में तेज गर्मी के कारण मतदान प्रतिशत प्रभावित हुआ
– इस बार दोनों ही राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार अभियान मजबूत नहीं था। मतदाताओं तक प्रत्याशियों की पहुंच, पहले हुए चुनावों की तुलना में कम रही। इससे चुनाव का माहौल ही नहीं बन पाया।
– पार्टी में उपेक्षा और दूसरे दलों से आए नेताओं को महत्व दिए जाने के कारण कई कार्यकर्ता प्रत्याशियों के साथ सिर्फ मुंह दिखाई के लिए ही घूमे।
– प्रत्याशियों का प्रचार अभियान सोशल मीडिया आधारित ही रहा, मतदाताओं से सीधे संपर्क का प्रयास औपचारिकता पूरी करने के लिए ही किया।
– कई विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग विधानसभा चुनाव के बाद से ही उदासीन है।
– शादी विवाह और अन्य आयोजनों में व्यस्तता के कारण कई लोगों ने मतदान नहीं किया।
कम मतदान के सियासी मायने
– गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को 60 हजार से सवा लाख तक की बढ़त दिलाने वाले चार विधानसभा क्षेत्रों में इस बार मतदान प्रतिशत गिरने से भाजपा का मार्जिन प्रभावित हो सकता है। इनमें मालवीय नगर, सांगानेर, विद्याधर नगर और बगरू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।– हालांकि भाजपाइयों का मानना है कि कांग्रेस के प्रति उदासीनता से कांग्रेस के मतदाता मतदान के लिए नहीं आए और अधिकांश मत भाजपा को ही मिले हैं।