17 करोड़ रुपए की दी थी धमकी
शिप्रापथ थाना पुलिस ने जुलाई 2022 में वांटेड रोहित गोदारा गैंग के साथ 17 करोड़ रुपए वसूलने के लिए रोड कॉन्ट्रेक्टर को धमकाने के मामले में आरोपी शिवराज और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में आरोपी व उसके साथी जमानत पर छूट गए थे। रामसिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी शिवराज वर्ष 2007 से रोहित गोदारा के संपर्क में है और गैंग को इंटरनेट कॉल व पुलिस से बचने के तरीके बताता था।
यू-ट्यूब से सीखा फिल्मी अंदाज में बैंक लूटने का तरीका, शराब पीकर 15 मिनट में उड़ाए 5.66 लाख
कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर बना कुख्यात आरोपी शिवराज कम्प्यूटर साइंस से बीटेक कर चुका। झुंझुनूं में 12वीं के बाद वर्ष 2007 से 2012 तक बीकानेर में इंजीनियरिंग पूरी की। इसी दौरान गोदारा से दोस्ती हो गई थी। आरोपी वर्ष 2012 से 2017 तक दो कंपनियों में काम कर चुका जबकि वर्ष 2017 से सितंबर 2022 तक एक बैंक में आईटी एक्जीक्यूटिव रहा। जयपुर में वैशाली नगर में किराए का फ्लैट ले रखा था। फ्लैट पर गोदारा और गैंग के अन्य गुर्गों का आना-जाना रहता था।
मोची और कबूतर ने की फायरिंग
एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चन्द्र विश्नोई ने बताया कि वांटेड रोहित गोदारा ने सांगानेर निवासी व्यवसायी हरजेश नराणियां को गत फरवरी में इंटरनेट कॉल कर 5 करोड़ रुपए रंगदारी मांगी थी। व्यवसायी ने रुपए नहीं दिए तो गोदारा ने शिवराज के जरिए दिल्ली निवासी शूटर धर्मेन्द्र उर्फ मोची व मनीष उर्फ कबूतर को जयपुर भेजा। शिवराज ने जयपुर में अपने दोस्त युधिष्ठिर को शूटरों को सिंधीकैम्प स्थित होटल में ठहराने, व्यवसायी के कार्यालय की लोकेशन बताने और मानसरोवर में हथियार उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी दी।
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पेड़ के नीचे 55 करोड़ की हेरोइन देखकर पुलिस के उड़े होश
4 पिस्टल, 8 मैगजीन और 40 कारतूस
शिवराज के बताए ठिकाने से शूटरों को 4 पिस्टल, 8 मैगजीन और 40 कारतूस उपलब्ध करवाए और फिर मानसरोवर स्थित किराए के मकान में फायर करने का प्रशिक्षण दिया। कार्यालय के बाहर खड़ी कार पर 30 राउंड फायरिंग करने के लिए शूटर वहां पहुंचे लेकिन पुलिस देखकर वापस दिल्ली लौट गए थे। पुलिस को शूटरों के आने की भनक लग गई थी। बाद में दोनों शूटर व आरोपी युधिष्ठिर को गिरफ्तार कर लिया था।