कोरोना संक्रमण से लड़ने में सक्षम हैं लटजीरा और पीपल के हरे पत्ते
संरचना बदलने में माहिर इस वायरस से लडऩे और रक्षा के लिये पौराणिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के नुस्खे आम आदमी के भरोसे की कसौटी पर खरा उतर कर सकते हैं। लखनऊ स्थित आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों का मत है कि पीपल और लटजीरा जैसी जड़ी बूटियों मेंं एंटी वायरल, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद है। विभिन्न शोधों से यह बात पहले ही प्रमाणित की जा चुकी है। रासायनिक विश्लेषण से पता चलता है कि हरे पीपल के पत्ते यानी फाइकस रेलिजिओसा में टेनिस, फीनोल, सैपोनिन, शुगर, एल्कालायड्, मेथिओनिन, प्रोटीन, एमीनो एसिड जैसे तत्व मौजूद होते है जिनमें वायरस और बैक्टीरियल संक्रमण से निपटने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने कर अद्धुत क्षमता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर न सिर्फ संक्रमण के खतरे को टाला जा सकता है बल्कि नियमित सेवन कोरोना संक्रमण परत को पूरी तरह स्वस्थ कर सकता है। 2014 में इंटरनेशनल जर्नल आफ साइंस इंव्यारमेंट एंड टेक्नोलाजी में प्रकाशित एक शोध पत्र में बताया गया था कि लटजीरा मेें हजारों औषधीय गुणों के साथ वायरस से लडऩे की क्षमता है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये एहतियात बरतने के साथ साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। खानपान और व्यायाम के अलावा रसोईघर में हर वक्त मौजूद रहने वाले मसाले और जड़ी बूटियां इसमें अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन आदि मसालों का भोजन में प्रयोग और च्यवनप्राश के सेवन से शरीर को निरोगी रखा जा सकता है। तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौठ पाउडर और मुनक्के से बनी काली चाय का दो बार सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में सहायक माना गया है। सूखी खांसी से पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन की भाप निजात दिला सकती है। पीपल और लटजीरा जैसी जड़ी बूटियों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर न सिर्फ संक्रमण के खतरे को टाला जा सकता है बल्कि चुनिंदा वनस्पतियों का नियमित सेवन कोरोना संक्रमित को पूरी तरह स्वस्थ कर सकता है।