अब राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और दोनों एजेंसियों के बीच अलग-अलग ज्वाइंट वेंचर होगा। इसमें 5—5 हजार क्षमता के दो सोलर पार्क होंगे। इसके लिए जैसलमेर में जमीन चिन्हित की गई है। इसमें 40 हजार करोड़ का निवेश होगा। शुरुआत इसी साल होगी। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2025 तक पूरा होगा।
इसलिए फोकस
— 175 गीगावाट विंड एनर्जी की क्षमता
— 142 गीगावाट सोलर एनर्जी की क्षमता
— 1.25 लाख हेक्टर जमीन उपलब्ध
— 70 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट लग सकते हैं बड़े उपक्रमों पर नजर
पार्क के लिए 20 हजार हेक्टेयर जमीन चाहिए। सरकार ने अक्षय ऊर्जा निगम के लिए 4 साल में 30 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट विकसित करने का लक्ष्य रखा है।
— 175 गीगावाट विंड एनर्जी की क्षमता
— 142 गीगावाट सोलर एनर्जी की क्षमता
— 1.25 लाख हेक्टर जमीन उपलब्ध
— 70 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट लग सकते हैं बड़े उपक्रमों पर नजर
पार्क के लिए 20 हजार हेक्टेयर जमीन चाहिए। सरकार ने अक्षय ऊर्जा निगम के लिए 4 साल में 30 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट विकसित करने का लक्ष्य रखा है।
अभी भी राजस्थान का वर्चस्व
मेरकॉम इंडिया संस्था जोधपुर स्थित भड़ला पार्क ( Bhadla Solar Park, Jodhpur ) को विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट घोषित कर चुकी है। यहां 18 बड़ी कंपनियों के 36 सोलर प्लांट है। पहले कर्नाटक का पावागढ़ सोलर पार्क ( Pavagada Solar Park ) सबसे बड़ा था, लेकिन अब यहां पर सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने के बाद कर्नाटक के पार्क को पीछे छोड़ दिया है।
मेरकॉम इंडिया संस्था जोधपुर स्थित भड़ला पार्क ( Bhadla Solar Park, Jodhpur ) को विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट घोषित कर चुकी है। यहां 18 बड़ी कंपनियों के 36 सोलर प्लांट है। पहले कर्नाटक का पावागढ़ सोलर पार्क ( Pavagada Solar Park ) सबसे बड़ा था, लेकिन अब यहां पर सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने के बाद कर्नाटक के पार्क को पीछे छोड़ दिया है।