राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में हुए 35 लाख करोड़ रुपए के 10640 एमओयू से जुडे़ निवेश को धरातल पर उतारने का शुरुआती खाका तैयार हो चुका है। निवेशकों से संपर्क करने से लेकर भूमि आवंटन, भू-उपयोग परिवर्तन करने तक की प्रक्रिया 90 दिन में पूरी होगी। सभी कलक्टरों की जिमेदारी तय कर दी गई है। इन्हें जनवरी से मार्च तक का होमवर्क सौंप दिया है। ज्यादातर निवेशकों, उद्यमियों ने जमीन की जरूरत जताई है। काम की समीक्षा जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री करेंगे। इसके बाद हर 15 दिन में समीक्षा होगी। मुख्यमंत्री अगले वर्ष 11 दिसबर को एमओयू का हिसाब देने की बात पहले ही कह चुके हैं।
ये हुए एमओयू
विभाग – निवेश – एमओयू ऊर्जा – 26.07 – 531 इंडस्ट्री – 3.28 – 3675 माइन्स – 1.72 – 1034 यूडीएच – 1.21 – 637 यह भी पढ़ें
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पर्यटन – 0.74 – 1156 कृषि – 0.55 – 2424 शिक्षा – 0.48 – 569 चिकित्सा – 0.37 – 389 डीओआईटी – 0.19 – 108 एविएशन – 0.11 – 9 एलएसजी – 0.08 – 51
अन्य – 0.18 – 57 *निवेश करोड़ रुपए में
जवाबदेही भी हो तय
सरकार ने जिला कलक्टर और नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी तो तय कर दी है, लेकिन जरूरत जवाबदेही की भी है। यदि उद्यमी निवेश नहीं कर पाने की स्थिति बताता है तो इसके पीछे के कारण भी जानने होंगे और उसे तैयार करने के लिए प्रयास करने होंगे। जिन आईएएस अफसरों को राज्य और देशों की जिम्मेदारी दी गई है, वे भी एमओयू करने वाले उद्यमियों से लगातार संपर्क में रहें। इससे निवेशक से संपर्क की दो लेयर तैयार होगी।
28 फरवरी, 2025 तक: आवंटन, भू-उपयोग परिवर्तन कराना। संबंधित विभागों से जुड़ी एनओसी दिलाना।
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जमीन आवंटन कराने तक होमवर्क
28 फरवरी, 2025 तक: आवंटन, भू-उपयोग परिवर्तन कराना। संबंधित विभागों से जुड़ी एनओसी दिलाना।
31 मार्च, 2025 तक: भूमि आवंटन कर देंगे और उससे जुडे़ सभी मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करना। 30 जनवरी, 2025 तक: निवेशकों से संपर्क कर भूमि आवंटन के आवेदन कराना, भूमि चिह्नीकरण और साइट विजिट सुनिश्चित करना। भू-रूपांतरण सहित अन्य संबंधित कार्य।
(हर विभाग में नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो कलक्टर के संपर्क में रहेगा) समयबद्ध एमओयू हो, इसलिए सभी जिला कलक्टर को जिम्मेदारी दी गई है। जमीन आवंटन का काम महत्वपूर्ण है, जिसके लिए समय सीमा में काम करना होगा। हर निवेशक से संपर्क करना सुनिश्चित किया जा रहा है।
अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव, उद्योग विभाग