लेकिन मृतक का बेटा भारतीय सेना में था, इसलिए वह आ नहीं सकता था। ऐसे में परिजनों ने शव को नदी क्षेत्र स्थित सामुदायिक भवन में रखवाया। फौजी राजेंद्र शनिवार सुबह नदी क्षेत्र स्थित सामुदायिक भवन पहुंचा, जिसके बाद शव को घर पर ले जाया तथा उसके बाद श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया। शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया।
मृतक जगदीश प्रसाद की पत्नी मनभरी देवी, फौजी राजेंद्र की पत्नी चंदा देवी, कानाराम की पत्नी संतोष देवी, मृतक का अपाहिज बेटा सांवरमल सहित अन्य परिजन पर बेसुध हो गए। जिन्हें अन्य परिजनों ने संभाला। वहीं, अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।