Lampi Virus Skin Disease in Rajasthan : राजस्थान में अब पशुधन पर लंपी वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर सियासत गरमाई हुई है। आरोप-प्रत्यारोपों के दौर के बीच आज प्रदेश भाजपा आज जोधपुर संभाग को छोड़कर प्रदेश भर में जिला कलक्टर्स के ज़रिये मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगी और गौवंश के साथ ही पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी संक्रमण की रोकथाम, वैक्सीनेशन और उचित उपचार की मांग उठाई जायेगी।
प्रदेश नेतृत्व की ओर से जारी हुए इस कार्यक्रम में सभी ज़िलों को दो दिन का समय दिया गया है, जिसके तहत आज शुक्रवार और कल शनिवार को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल ज़िलों में कलक्टर से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।
सांसद-विधायक भी रहेंगे मौजूद
प्रदेश नेतृत्व ने सभी ज़िलों में मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर्स को ज्ञापन देने के कार्यक्रम में सांसदों और विधायकों को आवश्यक तौर पर मौजूद रहने के भी निर्देश दिए हैं। हालांकि ओबीसी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने के कारण इस कार्यक्रम में जोधपुर संभाग को शामिल नहीं किया गया है। जोधपुर में यही कार्यक्रम अलग से 11 और 12 सितम्बर को रखे गए हैं।
… इधर सरकार बोली, ‘फिलहाल ऑल इज़ वेल’!
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि प्रदेश में अभी तक 6 लाख 87 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण एवं मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है और जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लंपी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं मिली है।
दावा- तेज़ी से हो रहा टीकाकरण
राज्य सरकार दावा कर रही है कि लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण युद्ध गति से किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने आंकड़े भी जारी किए हैं। बताया गया है कि अब तक 27 जिलों में 6 लाख 87 हजार 375 पशुओं में टीकाकरण किया गया है।
जिला — टीकाकरण
– अजमेर 53209
– कुचामन सिटी 37697
– भरतपुर 56410
– चित्तौड़गढ़ 43476
– अलवर 73535
– जयपुर 29957
– बांसवाड़ा 53000
– कोटा 40232
– बूंदी 34979
– बारां 75571
– झालावाड़ 34118
– प्रतापगढ़ 44866
– उदयपुर 33255
दवाइयों की खरीद के लिए किए आवश्यक वित्तीय प्रावधान
पशुपालन मंत्री कटारिया ने कहा कि रोगी पशुओं के उपचार के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिलों में स्थानीय स्तर पर दवाइयों की खरीद के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा कॉन्फेड के माध्यम से जिलों की मांग अनुरूप औषधियों की आपूर्ति भी की जा रही है। उन्होंने प्राप्त औषधियों को जिला औषधि भंडार में अनावश्यक नहीं रखकर तुरंत संस्थाओं को भिजवाने के निर्देश दिए।
जैसलमेर में एक सप्ताह से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं
पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में इस बीमारी की शुरूआत पश्चिमी क्षेत्र से हुई थी जो अब पूर्वी भाग तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में अब लम्पी रोग के केस कम हो गये हैं। जोधपुर तथा बीकानेर संभाग में रिकवरी रेट अच्छी है और संक्रमण एवं मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है। जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लम्पी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं मिली है।
आयुर्वेदिक औषधियों के मिले प्रभावी परिणाम
कटारिया ने बताया कि लम्पी रोग के बचाव एवं रोकथाम के लिए आयुष विभाग द्वारा सुझायी गई आयुर्वेदिक औषधियां काफी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि जालौर जिले में भामाशाहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवायी गई औषधियों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
गौशालाओं का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश
पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को सभी गौशालाओं का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में मानसून का दौर फिर से सक्रिय होने की संभावना के दृष्टिगत गौशालाओं में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने जन प्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहकर लम्पी रोग के रोकथाम के प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए।
कटारिया ने इस संक्रमण काल के दौरान गौवंश को इस बीमारी से बचाने के लिए आगे आए भामाशाहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं तथा जन प्रतिनिधिगण से मिले सहयोग की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।