नंद महोत्सव में भी झलका अपार उत्साह
नाथद्वारा (राजसमंद). शुद्धाद्वेत पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी नाथद्वारा में बिराजित आराध्य प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की अपार खुशियों के बाद शनिवार को नंद महोत्सव में अपार उत्साह झलका। प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में परपंरानुसार नंद महोत्सव के अवसर पर दर्शन खुलने के बाद से ही मंदिर में केसर मिश्रित दूध व दही की मटकी लेकर ग्वाल-बाल मंदिर के रतन चौक में पहुंचने लगे। जो भी श्रद्धालु वैष्णव डोल तिबारी से ठाकुरजी के इन विशेष दर्शन कर मंदिर से बाहर निकला, उस पर केसर मिश्रित दही आदि उंडेलकर नंद महोत्सव की अपार खुशियों से जयकारे लगाए गए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी इस अलौकिक महोत्सव में रमते हुए पूरे मंदिर परिसर को लालो आयो रे लालो आयो रे से गुंजायमान किया।
नाथद्वारा (राजसमंद). शुद्धाद्वेत पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी नाथद्वारा में बिराजित आराध्य प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की अपार खुशियों के बाद शनिवार को नंद महोत्सव में अपार उत्साह झलका। प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में परपंरानुसार नंद महोत्सव के अवसर पर दर्शन खुलने के बाद से ही मंदिर में केसर मिश्रित दूध व दही की मटकी लेकर ग्वाल-बाल मंदिर के रतन चौक में पहुंचने लगे। जो भी श्रद्धालु वैष्णव डोल तिबारी से ठाकुरजी के इन विशेष दर्शन कर मंदिर से बाहर निकला, उस पर केसर मिश्रित दही आदि उंडेलकर नंद महोत्सव की अपार खुशियों से जयकारे लगाए गए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी इस अलौकिक महोत्सव में रमते हुए पूरे मंदिर परिसर को लालो आयो रे लालो आयो रे से गुंजायमान किया।
प्रभु श्रीनाथजी के नंद महोत्सव के विशेष दर्शन प्रात: लगभग साढ़े 7 बजे खुले दर्शन के दौरान तिलकायत पुत्र विशाल बावा निज मंदिर पधारे, जहां ठाकुरजी की सेवा परंपरा पूर्ण करने के बाद नंद महोत्सव के भाव से निज मंदिर के मणि कोठे में परंपरा का निवर्हन किया गया। श्रीनाथजी के बड़े मुखिया इन्द्रवदन गिरनारा नंदबाबा बने, जबकि यशोदाजी का रूप नवनीतप्रियाजी यानि लाड़ले लालनजी मंदिर के मुखिया ने धरते हुए विशाल बावा एवं अन्य सखियोंं का रूप धरने वाले भितरिया आदि के साथ नृत्य किया।