प्रार्थी वर्ष 2019 में नीट में शामिल हुआ, लेकिन गुम हो गई थी मार्कशीट
न्यायाधीश समीर जैन ने चिन्मय उपाध्याय की याचिका पर यह आदेश दिया। अधिवक्ता विजय पाठक ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2019 से 2024 के बीच किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई की। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से भारत में इंटर्नशिप और प्रेक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा ली जाती है। वर्ष 2019 से नीट पास करने वालों की ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा में शामिल किया जाता है। प्रार्थी वर्ष 2019 में नीट में शामिल हुआ, लेकिन मार्कशीट गुम हो गई।एफएमजी परीक्षा में शामिल करने का निर्देश
एनटीई से मार्कशीट की मांग की, लेकिन नहीं मिली। मार्कशीट नहीं होने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि प्रार्थी ने नीट काउंसलिंग का दस्तावेज पेश किया। इसके बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्र को एफएमजी परीक्षा में शामिल करने को कहा है। यह भी पढ़ें
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