राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत राजफेड (राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) के प्रशासक के रूप में वार्षिक साधारण सभा की अध्यक्षता कर रहे थे।
जयपुर के सहकार भवन में हुई वार्षिक साधारण सभा में केवीएसएस के चुने हुए चेयरमैन सदस्य के रूप में उपस्थित थे। जहां चुनाव नहीं हुए उन समितियों के प्रशासक भी थे। वार्षिक साधारण सभा की शुरुआत में मुख्य सचिव ने राजफेड और केवीएसएस के काम को सराहा।
इस तरह चला पूरा घटनाक्रम
इस दौरान कुछ सदस्य खड़े हुए और केवीएसएस के बकाया भुगतान की मांग करने लगे। पूर्व विधायक व केवीएसएस सवाई माधोपुर अध्यक्ष हंसराज शर्मा, रायसिंह नगर के राकेश ठोलिया, मूंडवा के प्रेमसुख कड़वासरा व अन्य ने भुगतान के साथ जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) का काम केवीएसएस को देने तथा अध्यक्ष को कागजी कार्रवाई (हस्ताक्षर अधिकार) में शामिल करने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि जब तक समितियों के बकाया का भुगतान करने का आश्वासन नहीं मिलता वार्षिक साधारण सभा की कार्यवाही का अनुमोदन नहीं किया जाएगा। इसके बाद कई सदस्य खड़े हुए और हंगामा करने लगे। इस बीच मुख्य सचिव वार्षिक साधारण सभा छोड़ कर चले गए। यह देख सदस्य उखड़ गए।
यह ठीक नहीं है
सदस्य संघ के अध्यक्ष चेतन चौधरी ने मंच से कहा कि हम चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उचित मांग रखी थी। इस पर आश्वासन की बजाय प्रशासक सभा छोड़ गए, यह ठीक नहीं है। हंगामा हुआ और अधिकतर सदस्य सभा हॉल से बाहर निकल गए। बाद में अधिकारियों ने समझाइश कर उन्हें बुलाया। सहकारिता सचिव व रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने कहा कि सदस्य एक कमेटी बना लें, इसके बाद उनकी बात को सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने सकारात्मक हल का आश्वासन दिया, जिसके बाद वार्षिक साधारण सभा की कार्यवाही पूरी की गई।