scriptकृष्ण जन्माष्टमी : भक्तों की उलझन दूर, घरों में बुधवार और मंदिरों में 7 को जन्मेंगे कान्हा | Krishna Janmashtami Devotees confusion resolved Krishna born on 6 September in homes and on 7 September in temples | Patrika News
जयपुर

कृष्ण जन्माष्टमी : भक्तों की उलझन दूर, घरों में बुधवार और मंदिरों में 7 को जन्मेंगे कान्हा

Krishna Janmashtami : कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भक्तों की उलझन दूर हो गई है। अब फाइनल निर्णय है कि घरों में बुधवार यानि की 6 सितम्बर और मंदिरों में 7 सितम्बर को कृष्ण जन्माष्टमी को मनाया जाएगा।

जयपुरSep 05, 2023 / 10:40 am

Sanjay Kumar Srivastava

krishna_janmashtami.jpg

Krishna Janmashtami

Krishna Janmashtami 2023 : रक्षाबंधन पर्व की तरह कृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की असमंजस दूर हो गई है। शहर के कई ज्योतिषियों ने पंचाग और ग्रह चालों का अध्ययन कर भक्तों की उलझन दूर कर दी है। ज्योतिषियों के अनुसार, स्मार्तजन बुधवार और वैष्णव मत मानने वाले सात सितम्बर को जन्माष्टमी मनाएंगे। शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में तैयारियां पूरी हो चुकी है। जयपुर समेत मथुरा-वृंदावन के कृष्ण मंदिरों में गुरुवार सात सितंबर को पर्व मनाया जाएगा। सरकारी छुट्टी भी इस दिन है। अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 3.38 से गुरुवार शाम 4.15 तक रहेगी।

इधर आमजन में जन्माष्टमी मनाने की तिथि को लेकर असमंजस है। बुधवार को मध्यरात्रि के समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि रहेगी, जिसमें भगवान का जन्म हुआ था लेकिन यह दोनों संयोग इस दिन सूर्योदय नहीं रहने से ज्योतिषियों के अनुसार, जन्माष्टमी पर्व को अगले दिन मनाया जाएगा।



मध्यरात्रि व्यापिनी अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था कृष्ण जन्म – दामोदर प्रसाद शर्मा

ज्योतिषाचार्य और बंशीधर पंचाग के निर्माता पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि कल रवियोग, सर्वार्थसिद्धि, मध्यरात्रि में अष्टमी, वृष का चंद्रमा, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ लग्न और बुधवार का संयोग रहेगा। द्वापरयुग में भगवान के जन्म के समय ऐसा ही ऐसा संयोग था। लेकिन गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि का संयोग केवल दोपहर तक रहेगा। यानि उदियात में तिथि रहने से पर्व मनाया जा रहा है। कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि व्यापिनी अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। गुरुवार को हर्षण, सिद्धि योग का संयोग के साथ ही पर्व मनाया जाएगा।

गुरुवार को सूर्यो उदयव्यापिनी पर्वकाल जन्माष्टमी के लिए सर्वश्रेष्ठ – पुरुषोत्तम गौड़

ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया ज्यादातर पंचांगों में गुरुवार को जन्माष्टमी मनाने के लिए सूर्यो उदयव्यापिनी पर्वकाल सर्वश्रेष्ठ बताया है। यानि स्मार्तजन बुधवार को जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग गुरुवार को पर्व मनाएंगे। अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 3.38 बजे से अगले दिन गुरुवार शाम 4.15 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र बुधवार सुबह 9.20 से अगले दिन 10.25 तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि बुधवार रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव के समय रहेगी। लेकिन उदियात में गुरुवार को अष्टमी होने से वैष्णव संप्रदाय के मत से जन्माष्टमी पर्व अधिक मान्य रहेगा। मध्य रात्रि में कान्हा प्रगटेंगे।

6 सितम्बर को स्मार्त मत मानने वालों के लिए होगा व्रत – चंद्रशेखर शर्मा

सम्राट पंचाग के निर्माता ज्योतिषाचार्य पं.चंद्रशेखर शर्मा के मुताबिक भाद्रपद कृष्ण सप्तमी, बुधवार को स्मार्त मत को मानने वालों के लिए व्रत होगा। निशीथकाल मध्यरात्रि 12.13 से 01.01 बजे तक रहेगा। इस बार यह जयंती योग के साथ ही मध्यरात्रि में अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी गुरुवार को वैष्णव मत को मानने वालों के लिए व्रत मान्य होगा। वैष्णव सम्प्रदाय के लिए सूर्योदय व्यापिनी तिथि को पर्व मनाने का शास्त्र-निर्देश है। अष्टमी तिथि सायं 04 बजकर 15 मिनट तक है एवं रोहिणी नक्षत्र प्रात: 10.25 तक है।

govindji_temple_jaipur.jpg


गोविंददेव जी मंदिर में सुबह 4.30 बजे से होंगे दर्शन

गोविंददेव जी मंदिर में जन्माष्टमी पर गुरुवार सुबह 4.30 बजे मंगला झांकी से दर्शनों की शुरुआत होगी। धूप आरती सुबह 7.30 से 9.30, श्रृंगार आरती सुबह 9.45 से 11.30 बजे, राजभोग आरती मध्यान्ह में सुबह 11.45 से 1.30 बजे तक, ग्वाल झांकी शाम 4 से 6.30 बजे तक, संध्या आरती शाम 6.45 से 8.30 बजे तक, शयन आरती रात्रि 9.15 से 10.30 बजे तक, आठ सितंबर की मंगला आरती रात 11 से 11.15 बजे तक, रात 12 बजे से अभिषेक होंगे। नंदोत्सव पर दर्शन की शुरुआत धूप आरती सुबह 7.30 बजे से होगी। ठाकुर जी जयपुर में तैयार पीतांबरी पोशाक धारण करेंगे। मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि भक्तों को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। स्वयंसेवकों की भी संख्या में इजाफा किया गया है।

Hindi News / Jaipur / कृष्ण जन्माष्टमी : भक्तों की उलझन दूर, घरों में बुधवार और मंदिरों में 7 को जन्मेंगे कान्हा

ट्रेंडिंग वीडियो